नकवी ने अपने लेख का शीर्षक भी इसी से रखा है. उन्होंने लिखा, ‘तर्कहीन तमाशा’- संसद का ‘गूंगा गुड्डा’ ‘सड़क का सुरमा’ बनने चला. नकवी ने राहुल पर संसद नहीं चलने देने और सरकार की योजनाओं को लेकर सड़क की राजनीति करने पर कहा, संसद का गूंगा गुड्डा, सड़क का सुरमा बनने की कोशिश में घर ( संसद) का न घाट का की स्थिति में आ गया है. नकवी ने कांग्रेस पार्टी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी करार दिया है. उन्होंने कहा, यह पहला मौका है, जब एक ग्रैंड ओल्ड पार्टी के ‘ब्रैंड न्यू लीडर’ न सड़क का हकीकत समझ पा रहे हैं और न ही संसद का.
नकवी ने कांग्रेस और विपक्षी दलों के द्वारा संसद की कार्यवाही को बाधित करने पर कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों ने बिना कोई तर्क के बाधित किया है. जबकि सरकार ने उसी मुद्दों पर खुल कर बात करने के लिए तैयार है. उन्होंने संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए कांग्रेस पार्टी को अहंकारी बताया.
कांग्रेस ललित मोदी और व्यापमं प्रकरण पर विरोध कर रही है और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रही है. नकवी ने कहा, इसे किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है. कांग्रेस ने लोकतंत्र के सबसे बडे मंदिर संसद को अपनी क्षुद्र राजनीतिक मानसिकता के प्रदर्शन का एक मंच बना लिया है.
उन्होंने दावा किया, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की तरफ से ली गई सुधार पहल को रोक कर जनादेश का अपमान करना है. नकवी ने आरोप लगाए कि कांग्रेस राजनीतिक रुप से दीवालिया हो गई है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियां राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ है.
सोनिया और राहुल दोनों ने शुक्रवार को सुषमा पर हमला किया था. जहां सोनिया ने सुषमा को नौटंकी करने में विशेषज्ञ करार दिया, राहुल ने सवाल किया था कि ललित मोदी ने जेल से बाहर रहने में मदद के लिए सुषमा के परिवार को कितनी रकम दी थी. नकवी ने दावा किया कि कांग्रेस 2014 के आम चुनाव में अपनी हार नहीं पचा पा रही है.
उन्होंने दावा किया,…अब यह बिल्कुल साफ हो गया कि कांग्रेस प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की बढती लोकप्रियता से डर रही है…और कानूनों में विलंब कराना चाहती है जो देश की अर्थव्यवस्था तथा विकास के लिए अनिवार्य हैं. नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संसद को गैर तर्कसंगत रुप से बाधित किया है और यह साबित करता है कि राजग सरकार ने जिन बिचौलियों को सत्ता के गलियारे से निकाला था उन्होंने विकास के एजेंडा को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेस को ठेका दिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानसून सत्र की कार्यसूची पर चर्चा करने के लिए 20 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. 30 राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने उस बैठक में शिरकत की थी. कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करना चाहा था. नकवी ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस ने यूटर्न कर लिया और मानसून सत्र के पहले दिन से संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है.
उन्होंने दावा किया, राज्यसभा में अपने संख्याबल का दुरुपयोग करते हुए कांग्रेस ने सदन की मर्यादा की सभी सीमाओं का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सदन के नेता एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली विभिन्न पार्टियों की चिंताओं के समाधान के लिए उनके नेताओं से मिलना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू भी 31 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने यह कहते हुए अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की कि वे पहले से व्यस्त हैं.