मॉनसून सत्र : चार दिन बाद लोकसभा में फिर शुरू हुई सरकार विरोधी नारेबाजी

नयी दिल्ली : चार दिनों की शांति के बाद, कांग्रेस के 25 निलंबित सदस्यों और उनके समर्थन में सदन का बहिष्कार कर रहे विपक्षी दलों के लोकसभा में आज लौटने पर, एक बार फिर ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले की गूंज सुनाई दी. अपने हाथों पोस्टर, तख्तियां लिये कांग्रेस के सदस्यों ने अध्यक्ष के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2015 1:31 PM

नयी दिल्ली : चार दिनों की शांति के बाद, कांग्रेस के 25 निलंबित सदस्यों और उनके समर्थन में सदन का बहिष्कार कर रहे विपक्षी दलों के लोकसभा में आज लौटने पर, एक बार फिर ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले की गूंज सुनाई दी. अपने हाथों पोस्टर, तख्तियां लिये कांग्रेस के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद साढे बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, वामदल, जदयू सदस्य आसन के समीप आकर व्यापमं, ललित मोदी प्रकरण के विषय को उठाने लगे और इस बारे में प्रधानमंत्री से जवाब देने और भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं के इस्तीफे की मांग करने लगे. कांग्रेस सदस्य ‘ बडे मोदी मेहरबान, तब छोटे मोदी पहलवान ’, ‘ प्रधानमंत्री चुप्पी तोडो ’ के नारे लगा रहे थे.

सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के सुझाव पर सदन में गतिरोध समाप्त करने के प्रयास में विभिन्न दलों से चर्चा के लिए अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी. हंगामे के दौरान ही मुलायम सिंह ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि यह स्थिति ज्यादा दिन चले। हम चाहते हैं कि सदन चले. लेकिन आप बुलाती ही नहीं। इधर के नेताओं को :विपक्ष: और उधर के नेताओं को :सत्तापक्ष: को बुला लें, समधान निकल आयेगा. हालांकि मुलायम सिंह के सुझाव को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला और सोनिया गांधी को ‘ना’ कहते सुना गया.

इस पर अध्यक्ष ने कहा कि हमने आप सब को बुलाया था. मुलायम सिंह जी अभी भी आप खडगेजी से पूछ लें, अगर वह बातचीत को तैयार हैं तब मैं कार्यवाही अभी स्थगित करती हूं. आप सब आयें और बात करें. मुलायम ने एक बार फिर अपनी बात रखने का प्रयास किया, जबकि सोनिया गांधी को अपनी पार्टी के नेताओं को नारेबाजी जारी रखने को कहते देखा गया. मुलायम सिंह, उनके भतीजे धर्मेद्र यादव, आप के भगवंत मान, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने स्पीकर से मिलने का निर्णय किया, लेकिन कांग्रेस के सदस्यों ने ऐसा नहीं किया.

आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया और बाद में उठाने को कहा. इसके विरोध में कांग्रेस एवं वामदलों के सदस्य आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के 25 सदस्यों का निलंबन शुक्रवार की शाम को समाप्त होने के बाद आज कांग्रेस के सदस्य पूरे संख्याबल के साथ सदन में वापस आए. पिछले सप्ताह कांग्रेस सदस्यों के निलंबन के विरोध में कई विपक्षी दलों ने सदन का बहिष्कार किया था.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने ललित मोदी प्रकरण पर पिछले सप्ताह सुषमा स्वराज द्वारा विपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन में बयान देने की निंदा की. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ने विपक्ष की गैर मौजूदगी का फायदा उठाते लम्बा भाषण दिया. ‘‘ लेकिन उनके बयान से मुद्दा खत्म नहीं हो जाता है. उन्होंने जो भी किया, वह राष्ट्रहित में नहीं था. उन्होंने एक भगोडे की, आर्थिक अपराधी की मदद की, जिस फाइल के बारे में पी चिदंबरम ने जिक्र किया, उसकी जांच की जाए.’’ खडगे ने आरोप लगाया कि आईपीएल के पूर्व आयुक्त की जो मदद की गई, वह मानवीय नहीं बल्कि वाणिज्यिक प्रकृति की थी.

खडगे के इस बयान पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने नाराज प्रतिक्रिया व्यक्त की. वाईएसआर सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए अपने स्थान पर पोस्टर लिये खडे थे. कांग्रेस सदस्यों के पोस्टर में शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए व्यापमं में कथित 48 मौतों का जिक्र किया गया था. 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. और हंगामा जारी रहा और उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद कार्यवाही को दोपहर साढे बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

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