जम्मू : उधमपुर में सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर हमले के बाद जिंदा पकडे गये पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब को आज यहां की एक अदालत ने 14 दिन की एनआइए हिरासत में भेज दिया, ताकि जांच एजेंसी हमले में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर सके. पिछले हफ्ते हुए इस आतंकी हमले में सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के दो जवान शहीद हो गये थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी नावेद को कल शाम कडी सुरक्षा के बीच जम्मू लाया गया क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को आशंका थी कि लश्कर ए तैयबा उसे निशाना बनाने की कोशिश कर सकता है. उसे आज सुबह एनआइए अदालत में पेश किया गया. सूत्रों ने बताया कि उसकी हिरासत मांगते हुए एनआइए ने कहा कि कई चीजों को लेकर जांच की जानी है, इसलिए आरोपी की हिरासत आवश्यक है.
पिछले हफ्ते मामले की जांच का दायित्व संभालने वाली एनआइए ने राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेडने और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून तथा शस्त्र अधिनियम सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत नावेद के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जांच एजेंसी जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर करीब 11 लोगों से पूछताछ कर रही है, जिन्हें ग्रामीणों द्वारा नावेद को पकडे जाने के बाद हिरासत में लिया गया था.
नावेद और उसके मारे गये साथी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन को उधमपुर ले जाने वाला ट्रक चालक तथा नावेद और उसके आका को कथित तौर पर पांच लाख रुपये देने वाले व्यवसायी को पकडने के लिए अभियान छेडा गया है. नोमान को बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई में मार गिराया था. नावेद से कडी पूछताछ की जरुरत है क्योंकि वह बार-बार अपना बयान बदल रहा है और उसने अपने साथी के साथ भारत में घुसने के चार अलग-अलग रास्ते बताये. सूत्रों ने बताया कि लश्कर ए तैयबा से प्रशिक्षित नावेद को एक शातिर आतंकवादी माना जा रहा है जो जांचकर्ताओं को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है.