योगेंद्र यादव को लंबे समय तक हिरासत में रखने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के 82 कार्यकर्ताओं को अवैध तरीके से लंबे समय तक हिरासत में रखने के लिए दिल्ली पुलिस की आज खिंचाई की. इन लोगों को बाद में विशेष एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिहा कर दिया गया. न्यायमूर्ति कैलास […]
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप के पूर्व नेता योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के 82 कार्यकर्ताओं को अवैध तरीके से लंबे समय तक हिरासत में रखने के लिए दिल्ली पुलिस की आज खिंचाई की. इन लोगों को बाद में विशेष एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिहा कर दिया गया.
न्यायमूर्ति कैलास गंभीर और न्यायमूर्ति पी एस तेजी की पीठ ने कहा, जब आपने कल देर रात में उन्हें गिरफ्तार किया तो सुबह से उन्हें (मजिस्ट्रेट के समक्ष) क्यों पेश नहीं किया गया. सुनवाई के बीच में शाम तकरीबन 4 बजकर 20 मिनट पर गृह मंत्रालय की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि सबको रिहा कर दिया गया है. पीठ ने अपने आदेश में कहा, मुख्य चिंता इन लोगों की रिहाई की थी, जो हो गई है.
पीठ ने कहा, याचिकाकर्ताओं की स्वतंत्रता अग्रचिंता थी. सभी 83 लोगों को रिहा कर दिया गया है इस तथ्य के मद्देनजर याचिका का निस्तारण किया जाता है. यह स्पष्ट किया जाता है कि अगर कोई व्यक्ति अब भी स्थानीय पुलिस की अवैध हिरासत में है तो उसे तत्काल रिहा किया जाए. यादव को कल रात जंतर-मंतर पर किसानों के मुद्दे पर प्रदर्शन करने के दौरान उनके स्वराज अभियान के 82 कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था.
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि अवैध तरीके से लोगों को हिरासत में लेने में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. यादव, आप विधायक पंकज पुष्कर और अन्य के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 107 (शांति भंग होने की जहां आशंका हो वहां कार्रवाई) और धारा 151 (संज्ञेय अपराध को किए जाने से रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत मामला दर्ज किया गया क्योंकि वे दिल्ली के कडी सुरक्षा वाले रेस कोर्स इलाके में बिना अनुमति के रैली निकालने का प्रयास कर रहे थे.