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उच्चतम न्यायालय ने मारन की जमानत रद्द करने पर रोक लगाई
नयी दिल्ली : पूर्व दूरसंचार मंत्री और द्रमुक नेता दयानिधि मारन को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कथित टेलीफोन एक्सचेंज मामले में उनकी जमानत रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मारन की याचिका पर सीबीआई से […]
नयी दिल्ली : पूर्व दूरसंचार मंत्री और द्रमुक नेता दयानिधि मारन को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कथित टेलीफोन एक्सचेंज मामले में उनकी जमानत रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मारन की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा और 2013 में दर्ज मामले में उनकी गिरफ्तारी के उसके फैसले पर सवाल किया.
पीठ ने कहा, पिछले दो साल से आप क्या कर रहे थे. आपने बीएसएनएल के अधिकारियों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया…इसमें राजनीतिक द्वेष नहीं होना चाहिए. जितना कम कहा जाए उतना अच्छा. सीबीआई की तरफ से पेश हो रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस पर मामले के तथ्यों का हवाला दिया कि यह भ्रष्टाचार का एक बडा मामला है क्योंकि मारन के आवास पर लगाए गयी टेलीफोन लाइनों का इस्तेमाल उनके इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कंपनी सन टीवी ने व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए किया. रोहतगी ने कहा, भ्रष्टाचार की इन कवायदों को नहीं रोका जाए तो भ्रष्टाचार रोकथाम कानून क्यों है.
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