एफटीआईआई विवाद को दो महीने पूरे, समाधान का इंतजार
पुणे: भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में जारी हडताल के आज 62वें दिन भी गतिरोध का कोई समाधान निकलता नहीं दिखा और छात्र टीवी अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के अपने विरोध में किसी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं हैं. एफटीआईआई प्रबंधन द्वारा रुख कडा […]
पुणे: भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में जारी हडताल के आज 62वें दिन भी गतिरोध का कोई समाधान निकलता नहीं दिखा और छात्र टीवी अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के अपने विरोध में किसी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं हैं.
एफटीआईआई प्रबंधन द्वारा रुख कडा करने के बाद छात्रावास में रहने वाले 30 लोगों को समय से ज्यादा ठहरने पर अपने कमरे खाली करने के लिए नोटिस जारी किये गये। इस घटनाक्रम से परिसर में तनाव बढा.
संस्थान के नये निदेशक प्रशांत पाठराबे ने एफटीआईआई के करीब 80 अनुबंधित कर्मचारियों खासकर स्टूडियो सहायकों की सेवाएं यह कहते हुए समाप्त कर दीं कि 12 जून को छात्रों द्वारा प्रदर्शन शुरु करने के बाद से परिसर में सभी शैक्षणिक क्रियाकलाप रुक गये हैं और उनकी सेवाएं जारी रखने को सही नहीं ठहराया जा सकता.
एफटीआईआई छात्र संघ के प्रतिनिधि रंजीत नायर ने आज आरोप लगाया कि प्रबंधन सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के आदेश के अनुसार छात्रों से छुटकारा पाने और हडताल को कमजोर करने के लिए ‘‘हताशाभरे कदम’’ उठा रहा है.