ममता ने प्रधानमंत्री से मांगा 21,000 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत पैकेज
नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 21,000 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत पैकेज उनसे मांगा. ममता ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर बाढ़ के कारण उत्पन्न संकट से उबरने […]
नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 21,000 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत पैकेज उनसे मांगा.
ममता ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर बाढ़ के कारण उत्पन्न संकट से उबरने के लिए कोष की मांग की. उन्होंने प्रधानमंत्री से नीति आयोग की एक विशेष बैठक बुलाने का भी आग्रह किया जिसमें सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित कर राज्यों के लिए योजना के आकार पर फैसला किया जाए.
मोदी के साथ मुलाकात के बाद ममता ने कहा बाढ़ से राज्य के 12 जिले बुरी तरह तबाह हुए हैं, 13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को गहरा नुकसान पहुंचा और लगभग एक करोड लोग प्रभावित हुए हैं. मैंने प्रधानमंत्री को नुकसान के ब्यौरे के बारे में एक ज्ञापन सौंप कर उनसे पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 21,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है. राज्य में हाल ही में आई बाढ से बीरभूम, बर्दमान, बांकुडा, पुरुलिया, मुर्शिदाबाद, साउथ 24 परगना, हावडा, मिदनापुर, नदिया और हुगली जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से किसानों को रिण माफी तथा उन्हें फिर से रिण मुहैया कराने के बारे में कार्यक्रम पर विचार करने का आग्रह भी किया क्योंकि बाढ़ की वजह से किसानों की फसल खराब हो चुकी है. प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया के बारे में पूछने पर ममता ने कहा उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
राज्य की योजना के आकार का मुद्दा उठाते हुए ममता ने कहा इन दिनों अलग अलग विषयों पर नीति आयोग की समूह बैठकें हो रही हैं. मैंने प्रधानमंत्री से नीति आयोग की एक विशेष बैठक बुलाने का आग्रह किया जिसमें योजना के आकार पर विचार करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया जाए.
पूर्व में योजना आयोग ऐसा करता था. उन्होंने कहा कि राज्यों के योजना आकार के बारे में विचार करने के लिए नीति आयोग की विशेष बैठक बुलाने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री का रुख बहुत ही सकारात्मक था. ममता ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की संग्रह क्षमता बढाने का मुद्दा भी उठाया ताकि बंगाल, बिहार और झारखंड में बाढ़ का असर कम किया जा सके.