मुझे नहीं मिला ईडी का कोई सम्मन: ललित मोदी
नयी दिल्ली: विवादों में घिरे आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने आज कहा कि उन्हें टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के विभिन्न संस्करणों में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन की जांच से जुडा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कोई सम्मन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वह भारत नहीं लौट सकते क्योंकि उनकी जान को […]
नयी दिल्ली: विवादों में घिरे आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने आज कहा कि उन्हें टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के विभिन्न संस्करणों में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन की जांच से जुडा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कोई सम्मन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वह भारत नहीं लौट सकते क्योंकि उनकी जान को गंभीर खतरा है.मोदी, जिनके खिलाफ ईडी ने इंटरपोल के रेड नोटिसह्ण की मांग की है, ने दावा किया कि जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ कोई आरोप तय नहीं किए और चूंकि वह एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए, इसलिए मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
ललित मोदी ने इंडिया टुडे न्यूज चैनल को बताया, ह्यह्यआज की तारीख तक मुझे कोई सम्मन नहीं मिला. ईडी उचित प्रक्रिया का पालन कर मुझे उचित सम्मन क्यों नहीं भेजती ? मोदी ने कहा कि उन्हें इंटरपोल से एक पत्र मिला है. उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर मेरे खिलाफ कोई रेड कॉर्नर नोटिस नहीं जारी किया जाएगा. मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराए. उन्होंने कहा, इंग्लैंड भारत नहीं है कि कोई भी बाबू या नेता झट नोटिस जारी कर दे. यहां, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना होता है.
खुद से जुडे विवाद को राजनीति से प्रेरित बताते हुए ललित मोदी ने राहुल गांधी को आडे हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को मेरे बारे में नहीं, बल्कि अपने जीजा रॉबर्ट वाड्रा की चिंता करनी चाहिए. मोदी ने कहा, संसद का एक पूरा सत्र मेरे मुद्दे पर बाधित कर दिया गया. ये राजनीति नहीं तो और क्या है ? आईपीएल के पूर्व प्रमुख ने दोहराया कि वह भारत नहीं आ सकते क्योंकि उनकी जान को गंभीर खतरा है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपने कथित संबंधों पर मोदी ने कहा कि उनका उनके साथ किसी तरह का वित्तीय लेन-देन नहीं हुआ. उन्होंने कहा, सुषमा स्वराज का परिवार मेरा करीबी रहा है और उनके पति ने कई सालों तक नि:शुल्क मेरी पैरवी की. मेरे लिए जो काम सुषमा ने किया वह कोई और भी कर सकता था. यदि आपकी पत्नी कैंसर से जूझ रही है तो क्या आप उम्मीद नहीं करेंगे कि कोई आपकी मदद करे ? सुषमा या उनके परिवार से मेरा कोई वित्तीय लेन-देन नहीं हुआ. हितों के टकराव का कोई सवाल नहीं है.