संसद का बाधित करने वाले कांग्रेस-लेफ्ट के 53 सांसदों के क्षेत्र में भाजपा चलायेगी जन जागरण अभियान
नयी दिल्ली : मानसून सत्र की समाप्ति के बाद एनडीए ने विरोध मार्च किया और पूरे मसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, हमारा प्रदर्शन विरोध के रूप में नहीं था यह जनता को बताने के लिए था किस तरह संसदीय प्रणाली का विरोध किया जा रहा है. अरुण जेटली ने […]
नयी दिल्ली : मानसून सत्र की समाप्ति के बाद एनडीए ने विरोध मार्च किया और पूरे मसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, हमारा प्रदर्शन विरोध के रूप में नहीं था यह जनता को बताने के लिए था किस तरह संसदीय प्रणाली का विरोध किया जा रहा है. अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा जीएसटी बिल ना पास करने के पीछे कांग्रेस की मंशा थी कि देश आर्थिक रूप से विकास ना करें. हम सदन में कांग्रेस और लेफ्ट के बर्ताव के खिलाफ कांग्रेस के 44 और लेफ्ट के 9 संसदीय क्षेत्र में विशाल जनसभा करेंगे और पूरी स्थिति से अवगत करायेंगे. उन्हें बतायेंगे कि उन्होंने कैसे लोगों को चुनकर संसद में भेज दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में हमारे एक मंत्री और चार सांसद प्रत्येक क्षेत्र में जायेंगे.
कांग्रेसनहींचाहती देश विकास करे
जेटली ने कह, इस बार मानसून सत्र में ज्यादा काम नहीं हो पाया. यह पूरे देश के लिए चिंता काकारण था पर सीखने का मौका भी था. बिना कारण सदन ना चले यह लोकतंत्र की भावना के अनुरूप नहीं है. इसमें संविधान संशोधन जीएसटी को पास होना था. यह कांग्रेस के घोषणा के आधार पर था. 2013 में स्टैडिंग कमेटी ने भी इसे स्वीकार किया था और यूपीए सरकार ने भी इसे स्वीकार किया था. इसके पास होने से जीडीपी को लाभ होता और आर्थिक तौर पर बहुत सहायता होती. सामान को आने जाने में भी आसानी होती. लेकिन कांग्रेस पार्टी की साफ नीति लगती है कि कोई दूसरी सरकार आये तो उसे काम ना करनें देना और उसे रोकना इस वर्ष आपातकाल की 40वीं बरसी है.
एक परिवार के हाथ में सत्ता
देश में तानाशाही इसलिए सौंपी गयी की सत्ता और ताकत परिवार के बाहर ना जाए पिछले दस वर्ष तक तो पदों पर कौन बैठा इससे फर्क नहीं पड़ता था ताकत परिवार के हाथ में रहे. यह कोशिश की जा रही है कि परिवार के बाहर वाला व्यक्ति देश को कंट्रोल ना करे. उन्होने इस सत्र को रोकने की हर संभव कोशिश की. उनके पास तर्क नहीं थे.
इतिहास में पहली बार सुप्रीम लीडर पहुंची वेल तक
यह इतिहास में पहला उदाहरण है कि सुप्रीम लीडर कभी वेल में नहीं होता. इस बार सुप्रीम लीडर वेल में था. राहुल गांधी के विषय में क्या कहूं उन्हें यह नहीं पाता कि सदन में बात रखने और भाषण में क्या फर्क होता है. वह कालाधन के विषय में कह रहे हैं कालाधन पर तो हमारी सरकार ही काम कर रही है अबतक उन्होने कोई काम नहीं किया. ललित मोदी पर कांग्रेस इतनी परेशान हो रही है उसे भी कल साफ कर दिया गया कि हम ही इस दिशा में काम कर रहे हैं उन्होने अबतक कोई काम नहीं किया.
कांग्रेस का चेहरा आया देश के सामने
एक भावना पूरे देश में है कि कांग्रेस का इरादा था कि वह देश को आर्थिक दृष्टि से मजबूत ना होने दिया जाए. अगर किसी को कांग्रेस के चरित्र के बारे में शक था तो उनका भी ज्ञान वर्धन हुआ है. इस संबंध में प्रतिक्रिया देखने को मिली है. आज सत्र समाप्त होने के बाद हुआ मार्च प्रोटेस्ट मार्च नहीं था यह एक प्रयास था कि संसदीय प्रणाली के साथ ऐसे खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. यह उसे दिखाने का ही एक प्रयास था और एनडीए इसी प्रयास को आगे रखेगी. आज हमलोगों ने तय किया है कि हम इस रवैये के खिलाफ जनता में भी प्रचार करेंगे सभी क्षेत्रों में जायेंगे और विशेष ध्यान रहेगा और 44 कांग्रेस और 9 जहां लेफ्ट के लोग है. इन क्षेत्रों में विशेष रूप से एक- एक केंद्रीय मंत्री और चार- चार सांसद बड़ी मात्रा में सभाये करेंगे और जिन लोगों ने संसदीय लोकतंत्र के साथ जो आचरण किया है उनके क्षेत्रों में जाकर उन्हें जाकर जानकारी दी जायेगी.