संसद के बाद अब सडक पर भाजपा व कांग्रेस में होगी राजनीतिक जंग, जीएसटी बनेगा मुद्दा

नयी दिल्ली : संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से बर्बाद हो जाने के बाद अब भाजपा व कांग्रेस के बीच सदन की जगह सडक पर घमासान होगा. दिलचस्प यह कि भाजपा रणनीतिक ढंग से इस घमासान का केंद्र कांग्रेस व वामपंथी दलों की राजनीतिक जमीन को ही बनायेगी. भाजपा के मुख्य रणनीतिकार व वित्तमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2015 12:26 PM
नयी दिल्ली : संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से बर्बाद हो जाने के बाद अब भाजपा व कांग्रेस के बीच सदन की जगह सडक पर घमासान होगा. दिलचस्प यह कि भाजपा रणनीतिक ढंग से इस घमासान का केंद्र कांग्रेस व वामपंथी दलों की राजनीतिक जमीन को ही बनायेगी. भाजपा के मुख्य रणनीतिकार व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद सत्र के अवसान के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर इसका एलान भी कर दिया. इस संग्राम में भाजपा मुख्य रूप से जीएसटी को कांग्रेस व वाम दलों की घेराबंदी के लिए हथियार बनायेगी. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पास 44 व वाम दलों के पास नौ लोकसभा सीटें हैं.
जीएसटी पर होगी जंग
भाजपा के रणनीति के एलान के बाद कल वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने यह भी एलान कर दिया कि ललित मोदी प्रकरण पर कांग्रेस भाजपा से सवाल पूछना जारी रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने जीएसटी पर कांग्रेस के सवालों का न तो जवाब दिया और न ही उनका हल ढूंढा. वित्तमंत्री के रूप में देश के सामने सबसे पहले जीएसटी का प्रारूप रखने वाले शख्स चिदंबरम ने कहा कि ये सवाल तो हमने भाजपा सरकार को लिखित में दे रखे हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि उद्योग जगत को पिछले छह सालों से भाजपा से ही जीएसटी पर उसके रवैये की शिकायत रही है.
आज भाजपा नेता करेंगे राष्ट्रव्यापी प्रेस कान्फ्रेंस
भाजपा के नेता आज पूरे देश में अलग-अलग जगह प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे. इस प्रेस कान्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री व अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे. यह भी खबर है कि भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के सभी मुख्यमंत्री प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे और कांग्रेस व लेफ्ट के संसद में रवैये व जीएसटी अटकने से देश के विकास की राह अवरुद्ध होने की बात मीडिया के माध्यम से देश से कहेंगे. भाजपा की यह रणनीति एक तरह से जनता से सहानुभूति पाने की भी है.
जीएसटी के लिए विशेष सत्र संभव
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के प्रति अपनी सरकार का संकल्प दोहराया है. उन्होंने यह भी कहा है कि हमारी रणनीति तय है, पर चीजें तय नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि वे उसका अभी खुलासा नहीं करेंगे. उधर, सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार 31 अगस्त से चार सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुला सकती है. पर, इसके लिए पहले उसे फ्लोर मैनेजमेंट करना होगा. उसे प्रमुख क्षेत्रीय दलों को विश्वास में लेना होगा.
कांग्रेस में दरार डालने की कोशिश
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने हाल के मीडिया व संसदीय संबोधनों में न सिर्फ विरोधी पार्टियों को जीएसटी के मुद्दे पर विश्वास में लेने की कोशिश की है, बल्कि बडी बारीकी से कांग्रेस के अंदर दरार डालने की कोशिश की है. जेटली ने एक से अधिक बार कहा है कि कांग्रेस के ज्यादातर प्रमुख नेता हाउस चलाने व जीएसटी को पास करवाने के मूड में रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ऐसा नहीं चाहते. उनकी जिद के कारण ही यह बिल अटक रहा है. जेटली ने यह भी सवाल उठा दिया है कि क्या कांग्रेस परिवार के नेतृत्व से आगे बढ पायेगा.

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