नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संबोधन को गहन सोच से परिपूर्ण बताया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि संसद को लड़ाई के अखाडे में बदल दिया गया है और लोकतंत्र की संस्थाएं मुश्किल दौर से गुजर रही हैं.
मोदी ने ट्वीट किया, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति जी का संबोधन गहन सोच से परिपूर्ण था. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर राष्ट्रपति के संबोधन को भी डाला. इससे पहले, 69वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रणब ने स्पष्ट रुप से टकराव की राजनीति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि (जीवंत लोकतंत्र की) जडें गहरी हैं लेकिन पत्तियां कुम्हलाने लगी हैं. यह नई शुरुआत करने का समय है.