रायपुर : छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य की जनता को भरोसा दिलाया है कि राज्य के उत्तर क्षेत्र सरगुजा की तरह दक्षिण क्षेत्र बस्तर से भी नक्सलवाद का सफाया होगा. सिंह ने आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण किया तथा परेड की सलामी ली. सिंह ने राज्य की जनता को अपने संदेश में कहा, ‘भाइयों और बहनों, स्वतंत्रता दिवस के इस पावन पर्व पर मैं आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि जिस प्रकार सरगुजा से नक्सलवादी समस्या का अंत हो चुका है, उसी प्रकार बस्तर भी जल्दी ही नक्सलवाद से मुक्त होगा.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इन दो बडे आदिवासी बहुल अंचलों में अभावों से मुक्ति तथा विकास का सूर्योदय हो चुका है. राज्य सरकार ने सरगुजा में विश्वविद्यालय तथा इंजीनियरिंग कॉलेज का सपना पूरा किया है. बस्तर अंचल में भी विकास का नया दौर शुरू हो चुका है. टापू बनाकर रखे गये बस्तर को रेलवे, सडक, संचार के साधनों से चारों ओर से जोडा जा रहा है. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के समक्ष बस्तर में बहुआयामी विकास के लिए एक दिन में 24 हजार करोड रुपये पूंजी निवेश के एमओयू से एक नया इतिहास रचा गया है.
बस्तर में दल्लीराजहरा-रावघाट तथा जगदलपुर रेल लाइन परियोजना के तहत दल्लीराजहरा से डौंडी तक 17 कि.मी. रेल लाइन का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. इस मार्ग पर शीघ्र पैसेंजर ट्रेन चलने लगेगी. आने वाले वर्षों में इस रेल मार्ग को अंतागढ, रावघाट, नारायणपुर, कोंडागांव होते हुए जगदलपुर तक बढाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भिलाई की तरह बस्तर में सामाजिक-आर्थिक तथा क्षेत्रीय विकास के लिए दो अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट स्थापित करने की योजना है. इनमें से एक नगरनार में अगले वर्ष उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा.
बस्तर क्षेत्र में प्रस्तावित विभिन्न औद्योगिक तथा अधोसंरचना परियोजनाओं में 39 हजार करोड रुपये के निवेश के साथ 24 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. सिंह ने कहा कि साल भर पहले देश की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों तथा अभियानों का नया दौर शुरू हुआ है. प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं, मसलन प्रधानमंत्री जन-धन योजना से राज्य में 99.4 प्रतिशत परिवारों को बैंकिंग सुविधा से जोड दिया गया है. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 42 लाख से अधिक व्यक्तियों को मात्र एक रुपये प्रतिमाह पर दुर्घटना बीमा सुरक्षा दी गयी है.
लगभग 16 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों तथा 15 लाख श्रमिकों को यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए राज्य में नयी उद्योग नीति, सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, राइट ऑफ वे नीति लागू की गयी है, जिसके कारण राज्य को, देश में सर्वाधिक एक लाख 60 हजार करोड रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. सिंह ने राज्य के किसानों को बधाई दी और कहा कि उनके कारण छत्तीसगढ को विगत पांच वर्षों में तीन बार राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है.
किसानों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार की सकारात्मक नीतियां और नयी सुविधाएं देने का सिलसिला लगातार जारी रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरव की बात है कि नये भारत के निर्माण में छत्तीसगढ का प्रमुख योगदान बिजली उत्पादन क्षमता के रूप में भी दर्ज होगा. देश की विद्युत उत्पादन बढाने की योजना में लगभग 25 फीसदी की हिस्सेदारी छत्तीसगढ की होगी. विद्युत उत्पादन में वृद्घि का सफर राज्य ने 1,410 मेगावाट से शुरू किया था, जो इस साल बढकर 3,400 मेगावाट हो जाएगा.
सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ के दो शहरों का विकास स्मार्ट सिटी के रूप में किये जाने से राज्य, नगरीय विकास के देश के सबसे बडे अभियान से जुड जाएगा. इसके अलावा अमृत (अटल नवीनीकरण तथा शहरी परिवर्तन मिशन) के अंतर्गत प्रदेश के दस शहरों में अधोसंरचना का विकास इस तरह किया जाएगा कि वे भविष्य में स्मार्ट सिटी बन सकें. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ पहला राज्य है जिसने बिना किसी जाति, आय, वर्ग आदि सीमाओं के सभी परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाया है. अभी तक 40 लाख परिवारों ने स्मार्ट कार्ड बनवाये हैं. शेष परिवारों को प्रोत्साहित कर शीघ्र स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक हजार कियोस्क स्थापित किये गये हैं.
स्मार्ट कार्ड से अब मनोरोग का उपचार भी हो सकेगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ अब गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का बडा केंद्र बन रहा है. ट्रिपल आइटी शुरू हो जाने से उच्च शिक्षण संस्थानों की माला में एक और मोती पिरो दिया गया है. अब आइआइटी शुरू करने की तैयारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा के साथ विकास की प्राथमिकता के तहत राज्य में पुलिस बल दो गुने से अधिक कर दिया गया है, जिससे युवाओं की भागीदारी राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में बढी है. नक्सलवाद प्रभावित अंचलों में सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए समय पूर्व पदोन्नति, आवास, बीमा, शहीदों के आश्रितों को नौकरी, विशेष भत्ता, भोजन भत्ता, प्रशिक्षण जैसे उपाय किये गये हैं. उन्होंने कहा कि बेहतर रणनीति तथा पुनर्वास नीति के कारण नक्सली उन्मूलन अभियान में सफलता मिली है. नक्सलियों की गिरफ्तारी तथा आत्मसमर्पण में भी तेजी आयी है. नक्सली हिंसा में हुई शहादतें व्यर्थ नहीं जाएगी. पूरा राज्य शहीद परिवारों के साथ है.