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मिनी स्‍कर्ट पहनी राधे मां पर मां दुर्गा का अपमान करने का केस दर्ज

नयी दिल्‍ली : स्‍वघोषत देवी मां की अवतार राधे मां पर रोजाना कोई न कोई नये केस दर्ज कराये जा रहे हैं. दहेज प्रताड़ना के आरोप में फंसी राधे मां पर लुधियाना में एक नया केस दर्ज कराया गया है. इस बार राधे मां मां दुर्गा का अपमान करने का आरोप लगाया गया है. उनके […]

नयी दिल्‍ली : स्‍वघोषत देवी मां की अवतार राधे मां पर रोजाना कोई न कोई नये केस दर्ज कराये जा रहे हैं. दहेज प्रताड़ना के आरोप में फंसी राधे मां पर लुधियाना में एक नया केस दर्ज कराया गया है. इस बार राधे मां मां दुर्गा का अपमान करने का आरोप लगाया गया है. उनके खिलाफ जानबूझ कर धार्मिक भावना को आहत करने का आरोप लगा है.

लुधियाना के दो व्‍यक्ति अश्विनी कुमार और धीरज शर्मा ने राधे मां के खिलाफ मां दुर्गा का अपमान करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है. दोनों का आरोप है कि राधे मां जो खुद को देवी का अवतार बताती हैं और मिनी स्‍कर्ट पहनती हैं इससे मां दुर्गा का अपमान हुआ है. उनका आरोप है कि राधे मां ऐसा जानबूझकर करती हैं. उन्‍होंने कहा कि राधे मां के मिनी स्‍कर्ट पहनने से हमारी धार्मिक भावना को ठेस्‍ पहुंचा है.

इधर राधे मां के साथ मुंबई की कांदिवली थाने की पुलिस ने दहेज प्रताड़ना के आरोप में शुक्रवार को पांच घंटे तक पूछताछ की. वहीं बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने राधे मां की गिरफ्तारी में बड़ी राहते देते हुए दो हफ्ते तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

* क्‍या है मामला

मुंबई का मशहूर एम एम मिठाईवाला गुप्ता परिवार,जो कि राधे मां का भक्त है, की बहू निक्की गुप्ता ने राधे मां और अपने पति सहित परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की रिपोर्ट दर्ज करायी है. इसके कुछ ही दिनों बाद मुंबई की एक वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट ने राधे मां के खिलाफ बोरीवली थाने में अश्लिलता फैलाने की शिकायत दर्ज करायी है.

* राधे मां : देवी दुर्गा का स्वघोषित अवतार

राधे मां कभी सुखविंदर कौर हुआ करती थीं, जिसका संबंध भारत-पाक सीमा पर बसे गांव दोरांग्ला से है. पंजाब के गुरदासपुर में स्थित इस गांव में जन्मी सुखविंदर के पिता पंजाब सरकार में अधिकारी थे. सुखविंदर, जिसे घर में सब प्यार से बब्बो कहते थे, 18 साल की उम्र में सरदार मोहन सिंह से शादी कर पंजाब के ही गांव मुकेरिया आ गयीं.

* धार्मिक जीवन की शुरुआत

मुकेरिया आने के बाद सुखविंदर का धर्म के प्रति रुझान बढ़ा. शादी के बाद उनके पति कतर की राजधानी दोहा में नौकरी के लिए चले गये. इस दौरान सुखविंदर ने लोगों के कपड़े सिल कर गुजारा किया. वह शिव भक्त थी. इसी दौरान उनकी मुलाकात महंत परमहंस हुई.

परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी और इसके साथ ही उन्हें नाम दिया राधे मां. 23 साल की उम्र में सुखविंदर राधे मां बन गयीं. राधे मां पर तंत्र-मंत्र करने के भी आरोप लगते हैं. कहा जाता है कि मुकेरिया में ही उन्होंने डकोर खालसा के बैरागी संत बीरमदास से तंत्र-मंत्र सीखा. दीक्षा के बाद जब राधे मां ने खुद को दुर्गा का अवतार बताना शुरू किया, तो उन्हें इलाके के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.

* मुंबई पहुंच कर हुई प्रसिद्ध

इसके बाद राधे मां ने मुंबई का रुख कर लिया. यहां उन्हें करोड़पति व्यवसायी गुप्ता परिवार मिला. इसने उन्हें दो मंजिला इमारत दे दी, जहां राधे मां का दरबार सजने लगा. इसके साथ ही उनके भक्तों की तादाद भी बढ़ती गयी. उनके भक्तों में आमजन से लेकर खासजन तक शामिल हो गये.

लाल रंग के जोड़े, सोने, चांदी, हीरे के अथाह गहनों और भारी मेकअप से सजी राधे मां ने खुद को दुर्गा का अवतार बताया और कथित तौर पर लोगों की मन्नतें पूरी करने लगीं. राधे मां के पास करोड़ों की संपत्ति होने के कयास लगाये जाते रहे हैं.

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