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कोयला घोटाला: मधु कोडा ने उठायी मनमोहन सिंह को आरोपी बनाने की मांग

नयी दिल्‍ली :झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा ने एक विशेष अदालत में एक आवेदन दायर करते हुए यह मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दो अन्य को कोयला घोटाला मामले में आरोपियों के रूप में तलब किया जाये. यह वही मामला है, जिसमें सीबीआइ ने उद्योगपति नवीन जिंदल और अन्य के […]

नयी दिल्‍ली :झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा ने एक विशेष अदालत में एक आवेदन दायर करते हुए यह मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दो अन्य को कोयला घोटाला मामले में आरोपियों के रूप में तलब किया जाये. यह वही मामला है, जिसमें सीबीआइ ने उद्योगपति नवीन जिंदल और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये थे. इस मामले में कोडा भी एक आरोपी हैं.

कोडा ने उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मनमोहन सिंह, तत्कालीन ऊर्जा सचिव आनंद स्वरुप और तत्कालीन खदान एवं भूविज्ञान सचिव जयशंकर तिवारी को तलब करने की मांग की. कोडा के आवेदन की प्रति सीबीआइ को दे दी गयी और अदालत ने एजेंसी से कहा है कि यदि इस याचिका पर उसका कोई जवाब है तो वह उसे दायर करे. हालांकि कोडा के वकील ने अदालत से कहा कि इस आवेदन पर दलीलें इस मामले में आरोप तय करने पर होने वाली बहस के साथ सुनी जाएं.

अदालत ने सीबीआइ द्वारा आरोपी को आरोपपत्र के साथ उपलब्ध करवाये दस्तावेजों की जांच के लिए 28 अगस्त की तारीख तय कर दी. यह मामला झारखंड का अमरकोंडा मुर्गडंगल कोयला ब्लॉक जिंदल समूह की दो कंपनियों जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पोंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआइपीएल) को आवंटित किए जाने से जुडी कथित अनियमितताओं का है.

इस मामले में जिंदल के अलावा कोडा, राज्य के पूर्व कोयला मंत्री दसारी नरायण राव, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और 11 अन्य आरोपी हैं. इन आरोपियों में पांच कंपनियां भी शामिल हैं. इस मामले के अन्य आरोपी व्यक्ति जिंदल रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन, जीएसआइपीएल के निदेशक गिरीश कुमार सुनेजा और राधा कृष्णा सराफ, न्यू डेली एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश सिंघल, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के. रामकृष्णा प्रसाद और चार्टेड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरुप गर्ग हैं.

दस आरोपी व्यक्तियों के अलावा पांच कंपनियां- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, जिंदल रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड, गगन इंफ्राएनर्जी लिमिटेड (पूर्व में जीएसआइपीएल), सौभाग्य मीडिया लिमिटेड और न्यू डेली एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड- इस मामले में आरोपी हैं. अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या सभी 15 आरोपियों के खिलाफ लगे अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र), 409 (जनसेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधडी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(सी) एवं 13 (1) (डी) के तहत प्रतीत होते हैं.

उल्‍लेखनीय है कि आज विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई की तारिख निर्धारित की गयी है. एक कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में यहां एक विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और सात अन्य के खिलाफ 30 जुलाई को मुकदमे की कार्यवाही शुरू की थी. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवकों – बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह, विनी आयरन एंड स्टील उद्योग निगम (विसुल), इसके निदेशक वैभव तुलसियान, कोडा के कथित निकट सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलसियान के खिलाफ भी इस मामले में आरोप तय किये.

अदालत ने 14 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए कहा था कि आरोपियों ने जो विभिन्न गडबडियां कीं, वे प्रथम दृष्टया स्पष्ट करती है कि उन्होंने झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक विसुल को आवंटित करने के ‘एकमात्र लक्ष्य’ के साथ षडयंत्र रचा. सीबीआइ ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि विसुल ने राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक के लिए आठ जनवरी 2007 को कोयला मंत्रालय को आवेदन भेजा था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि यद्यपि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए विसुल के मामले की सिफारिश नहीं की थी, लेकिन 36वीं निरीक्षण समिति ने आरोपी कंपनी को ब्लॉक की सिफारिश की थी.

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