कोबरापोस्ट का नया खुलासा : रणवीर सेना को एक पूर्व प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री का मिला था संरक्षण

नयी दिल्ली : खोजी पत्रकारिता के अपने खास अंदाज के लिए मशहूर कोबरापोस्ट ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि बिहार में जातीय नरसंहार के लिए कुख्यात रहे रणवीर सेना को भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व वित्तमंत्री से राजनीतिक संरक्षण हासिल था. कोबरापोस्ट ने यह रिपोर्ट ऑपरेशन ब्लैक रेन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2015 5:08 PM
नयी दिल्ली : खोजी पत्रकारिता के अपने खास अंदाज के लिए मशहूर कोबरापोस्ट ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि बिहार में जातीय नरसंहार के लिए कुख्यात रहे रणवीर सेना को भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व वित्तमंत्री से राजनीतिक संरक्षण हासिल था. कोबरापोस्ट ने यह रिपोर्ट ऑपरेशन ब्लैक रेन नाम से जारी किया है. कोबरापोस्ट ने अपनी खबर में यह भी कहा है कि इन दोनों हस्तियों ने रणवीर सेना को पैसे और हथियारों के आधार पर मदद की थी.
कोबरापोस्ट ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है और दावा किया कि उसके पास रणवीर सेना के छह कमांडरों से बातचीत का रिकार्ड है. उल्लेखनीय है कि 1990 का दौर बिहार में जातीय संघर्ष का कालखंड था. कोबरापोस्ट के मुताबिक रणवीर सेना के इन कमांडरों ने 1995 से 1997 के दौरान 144 दलितों की हत्या में खुद की संलिप्तता स्वीकारी है. ये सारे नरसंहार मध्य बिहार में हुए थे. जिन जगहों पर नरसंहार हुए थे, उनके नाम हैं : सरथुआ (1995), बथानी टोला (1996), लक्ष्मणपुर बाथे (1997), शंकर बिगहा (1999), मियानपुर (2000) एवं इकवारी (1997). इन जगहों पर कुल 144 दलितों की हत्या हुई थी.
कोबरापोस्ट ने जिन छह रणवीर सेना कमांडरों से बातचीत का हवाला दिया है, उसमें से दो को पटना हाइकोर्ट ने बरी कर दिया है. रणवीर सेना पर केंद्र व राज्य दोनों सरकारों ने प्रतिबंध लगा रखा है.इस रिपोर्ट में लक्ष्मणपुर बाथे हत्याकांड के एक आरोपी प्रमोद सिंह की बातचीत भी है.

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