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मोदी की कूटनीतिक यात्राओं पर घरेलू राजनीति की छाया, कांग्रेस ने कहा स्तरहीन टिप्पणी

नयी दिल्ली/मसदर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर विदेशी धरती से पूर्व सरकारों पर हमला बोला जिसकी कांग्रेस ने तीखी आलोचना की और उनकी टिप्पणी को स्तरहीन तथा निंदनीय करार दिया है. मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मसदर शहर में कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2015 6:07 PM
नयी दिल्ली/मसदर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर विदेशी धरती से पूर्व सरकारों पर हमला बोला जिसकी कांग्रेस ने तीखी आलोचना की और उनकी टिप्पणी को स्तरहीन तथा निंदनीय करार दिया है. मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मसदर शहर में कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार को कुछ कठिनाइयां विरासत में मिली हैं और उनकी तत्काल प्राथमिकता पूर्व की सरकारों की अनिर्णय और सुस्ती की वजह से स्थगित हुई चीजों को शुरू करने की है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे कुछ समस्याएं विरासत में मिली हैं. ऐसा नहीं हो सकता कि मैं केवल अच्छी चीजों को ले लूं और समस्याओं को छोड दूं…कुछ चीजें (पिछली) सरकारों के अनिर्णय और सुस्ती की वजह से रुक गई थीं. उन चीजों को शुरू करना मेरी प्राथमिकता है. इस पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने ट्वीट किया, यह निन्दनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी विदेशी धरती पर विपक्ष के खिलाफ लगातार अशोभनीय टिप्पणी करना जारी रखे हुए हैं. बहुत ही शर्मनाक.
मोदी ने पूर्व में अपनी चीन और कनाडा यात्राओं के दौरान कांग्रेस और इसकी पूर्व सरकारों पर हमला बोला था. इस पर विपक्षी दल ने उनकी निन्दा की थी. कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि मोदी के लिए यह उचित नहीं है कि वह विदेश में घरेलू राजनीति को उठाएं और वह भी पूर्व में इस तरह के बयानों के लिए विपक्ष के बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को अपने पद की गरिमा बनाये रखनी चाहिए. जब वह देश में हों तब पूर्व की सरकारों को निशाना बनाने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन उन्हें विदेशी धरती पर ऐसा करने में संयम बरतना चाहिए था. फजल ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि मुख्यत: संप्रग सहित पूर्व की सरकारों के प्रयासों की वजह से ही यूएई के साथ व्यापार कारोबार 16 करोड डॉलर से बढकर 60 अरब डॉलर का हुआ था. उन्होंने कहा, रत को यूएई में रहने वाले 26 लाख प्रवासी भारतीयों से हर साल 10 अरब डॉलर का धन मिलता है जो खाडी देश में 15 अरब डॉलर का निवेश करता है.

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