राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा का निधन, कल दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी का निधन आज सुबह 10.51 बजे हो गया. वह 74 वर्ष की थीं. राष्ट्रपति भवन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वे पिछले सात अगस्त से अस्पताल में थीं. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भरती कराया गया था. वह लाइफ […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी का निधन आज सुबह 10.51 बजे हो गया. वह 74 वर्ष की थीं. राष्ट्रपति भवन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वे पिछले सात अगस्त से अस्पताल में थीं. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भरती कराया गया था. वह लाइफ स्पोर्टिंग सिस्टम पर थीं.
प्रणब मुखर्जी और शुभ्रा मुखर्जी का विवाह 13 जुलाई 1957 में हुआ था. शुभ्रा का जन्म 17 सितंबर 1940 को जेसोर (अब बांग्लादेश में) हुआ था. उन्होंने स्नातक स्तर तक पढ़ाई की थी और वह भारत के राष्ट्रकवि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी प्रशंसक थीं.10 वर्ष की उम्र में शुभ्रा कोलकाता आ गयीं और उनका विवाह प्रणब मुखर्जी से हुआ. इन दोनों के तीन बच्चे हैं. दो पुत्र और एक पुत्री. मुखर्जी दंपती के बड़े बेटे का नाम अभिजीत और छोटे बेटे का नाम इंद्रजीत मुखर्जी है, जबकि पुत्री का नाम शर्मिष्ठा है.
शुभ्रा बनर्जी और प्रणब मुखर्जी के संबंध बहुत मधुर थे. शुभ्रा रवींद्र संगीत की शौकीन थीं, लेकिन राजनीति से उनका कोई वास्ता नहीं था. वे घर परिवार में व्यस्त रहतीं थीं. जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने थे, तो उन्होंने यह बयान दिया था कि हमारी शादी को 55 साल हो गये, लेकिन हमारे बीच कभी लड़ाई नहीं हुई. वे स्नान के बाद मेरे मस्तक को छूकर कुछ मंत्र पढ़ते हैं और वहीं से हमारी दिनचर्या शुरू होती है.
शुभ्रा रवींद्र संगीत की गायिका थीं और उन्होंने लंबे समय तक सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी कवि की नृत्य-नाटिकाओं की प्रस्तुति दी थी.शुभ्रा ने ‘गीतांजलि ट्रूप’ की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य रवींद्रनाथ टैगोर की विचारधारा का प्रचार उनके गीतों और नृत्य-नाटिकाओं के जरिये करना था’ इस ट्रूप की सभी प्रस्तुतियों के निर्माण के पीछे वह एक मार्गदर्शक बल थीं.
संगीत के प्रति प्रेम रखने के अलावा शुभ्रा को चित्रकारी से भी लगाव था’ बेहद कुशल चित्रकार शुभ्रा कई सामूहिक और एकल प्रदर्शनियों में अपने हुनर को प्रदर्शित कर चुकी हैं. वह अपनी मां को अपनी रचनात्मक प्रेरणा का स्रोत मानती थीं’ उनकी मां भी एक चित्रकार थीं.
शुभ्रा ने दो किताबें भी लिखी हैं. इनमें से एक किताब ‘चोखेर अलोए’ है, जो कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनकी करीबी बातचीत का विवरण है. दूसरी किताब ‘चेना अचेनाई चिन’ है, जो कि उनकी चीन यात्रा का वृत्तांत है.शुभ्रा ने जब प्रथम महिला के तौर पर राष्ट्रपति भवन में कदम रखा था, तब वह अपने साथ अपना हारमोनियम और तानपुरा भी लाई थीं’ ये वाद्ययंत्र उन्हें संगीत सम्राट डी एल रॉय ने भेंट किए थे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, शुभ्रा बोदी के निधन से सकते में हूं. विश्वास नहीं होता कि वो अब नहीं हैं, लेकिन इस सच को स्वीकारना होगा.
I have known Suvra boudi for more than three decades. She was simple, lovable and a caring housewife
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 18, 2015
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर शोक जताया और अपनी संवेदना परिवार वालों के प्रति व्यक्त की है.
My deepest condolences to @RashtrapatiBhvn President Pranab Mukherjee &his family on the passing away of Smt Suvra Mukherjee @Sharmistha_GK
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2015