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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूएइ दौरा : भाजपा की वाया दुबई केरल व तमिलनाडु पहुंचने की कवायद

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक राजनीति व अपनी कूटनीतिक यात्राओं में भी घरेलू राजनीति की छोंक देने के लिए मशहूर हो चुके हैं. अलबत्ता अब उनके विदेश दौरे के बाद कांग्रेस को बकायदा घरेलू राजनीति की तरह प्रेस कान्फ्रेंस करना पड रहा है और उसकी नुक्ताचीनी व आलोचना का घरेलू राजनीतिक कर्मकांड करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2015 11:43 AM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक राजनीति व अपनी कूटनीतिक यात्राओं में भी घरेलू राजनीति की छोंक देने के लिए मशहूर हो चुके हैं. अलबत्ता अब उनके विदेश दौरे के बाद कांग्रेस को बकायदा घरेलू राजनीति की तरह प्रेस कान्फ्रेंस करना पड रहा है और उसकी नुक्ताचीनी व आलोचना का घरेलू राजनीतिक कर्मकांड करना पड रहा है. पर, पीएम मोदी अपनी बारीक राजनीति के कौशल से इन चीजों का भी राजनीतिक दोहन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूनाइटेड अरब अमिरात दौरा भी कुछ ऐसा ही रहा है. कांग्रेस ने जहां उनके इस दौरे पर कुछ सुझाव दिये वहीं, वहीं मसजिद जाने पर सवाल उठाया कि घरेलू राजनीति में वे ऐसी उदारता क्यों नहीं दिखाते. यहां तक कि बिहार चुनावों से भी उनके मसजिद दौरे को जोडा गया. पर, पीएम ने अपने ही अंदाज में कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लगता है कि मेरे लिए मेरे पूर्ववर्तियों ने अच्छे काम छोड दिये और इन्हें करने में मुझे आनंद महसूस हो रहा है.
बदला गया था यूनाइटेड अरब अमिरात के दौरे का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनाइटेड अरब अमिरात नवंबर में जाने वाले थे. लेकिन, बाद में इसमें बदलाव कर इसे अगस्त में तय किया गया. मोदी की कूटनीतिक यात्राओं का गैर सरकारी प्रबंधन भाजपा महासचिव राम माधव करते हैं और उन्होंने उनके आस्ट्रेलिया, अमेरिका व चीन दौरे की तरह यूएइ दौरे व भारतीय समुदाय को संबोधित करने का सफल आयोजन किया. खाडी देशों में अरब की स्थिति विशिष्ट है. वह प्रगतिशील व दुनिया से कदम से कदम मिला कर चलने वाला प्रगतिशील राष्ट्र है.
यूएइ के साथ रिश्तों की अहमियत और दाउद इब्राहिम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनाइटेड अरब अमिरात के साथ अपने रिश्तों के महत्व को बेहतर ढंग से समझते हैं. पश्चिमी देशों के बार अरब देश भारत के सबसे बडे व्यापारिक साझीदार हैं. जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूनाइटेड अरब अमिरात का दुबई शहर लघु भारत ही नहीं, लघु विश्व दिखता है. इस शहर में एक चुंबकीय शक्ति है, जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचता है. दुबई कालाधन के प्रसार का भी एक माध्यम बनता रहा है. मंुबई धमाकों का आरोपी दाउद इब्राहिम के बारे में कहा जाता है कि उसने वहां अरबों रुपये विभिन्न कारोबार व अन्य गैर कानूनी कार्य में निवेश कर रखा है. सूत्रों के हवाले से भारत के विभिन्न मीडिया संस्थानों ने खबर दी है कि भारत ने यूएइ को दस्तावेज सौंप कर दाउद इब्राहिम की संपत्ति जब्त करने व अन्य काले कामों पर रोक लगाने को कहा है. कल रात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई में लोगों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने एक प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि समझदार के लिए इशारा की काफी है. समझा जाता है कि उनका यह संकेत दाउद इब्राहिम को लेकर था.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यूएइ के शासन व वहां के प्रिंस के प्रति गहरे सम्मान का प्रदर्शन किया. उन्होंने पूरे भारतीय समुदाय से उनके सम्मान में तालियां बजवाई व सम्मान प्रकट करवाया. दोनों देशों के बयान में कहा गया कि मजहब का आतंकवाद से रिश्ता नहीं होता. प्रधानमंत्री ने एक मुसलिम राष्ट्र की धरती से पाकिस्तान को कडा संदेश दिया और गुड टेरेरिज्म व बेड टेरेरिज्म व गुड तालिबान व बेड तालिबान में अंतर नहीं होने की बात कही. उन्होंने सार्क देशों के बीच सहयोग नहीं बढने देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना बिना नाम लिये की. भारत में आइएस के बढते खतरों व अतिवादियों द्वारा इसे धर्म से जोडे जाने के मद्देनजर भी प्रधानमंत्री ने अपनी कूटनीतिक यात्रा से इसे साधने की कोशिश की है.
भाजपा का वाया दुबई केरल व तमिलनाडु पहुंचने का प्लान
राजनेता सरकारी पद पर रहते हुए भी अपने राजनीतिक हित की उपेक्षा नहीं करते हैं. मंझे राजनेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऐसा नहीं कर सकते. प्रधानमंत्री के कल के संबोधन की एक खास बात यह थी कि कल मलयाली नववर्ष भी था. केरल ने इस दौरान मलयाली समुदाय को शुभकामनाएं भी दीं और मलयाली में कुछ पंक्तियों में संबोधित भी किया. यूएइ में रहने वाले 26 लाख भारतीयों में 50 प्रतिशत अकेले मलयाली समुदाय हैं. भारतीय समुदाय में लगभग 25 प्रतिशत आबादी वहां तमिलों की हैं. यानी 26 लाख भारतीयों में 18 से 19 लाख मलयाली व तमलनाडु के हैं. इसमें लगभग 13 लाख मलयाली हैं. दूसरी बात यह कि वहां के भारतीय समुदाय में 50 प्रतिशत मुसलिम हैं और 25 ईसाई. यानी 26 लाख भारतीयों मेे 18 से 19 लाख मुसलिम व ईसाई हैं. भाजपा की पहुंच से अबतक दक्षिण भारत के ये दोनों अहम राज्य दूर हैं. नरेंद्र मोदी ने प्रवासियों के बहाने भारत में मलयाली व तमिलों के दिल में उतरने की कोशिश की है. ताकि भाजपा की जडें उन दोनों राज्यों में गहरी हो सकें.
साथ ही पीएम मोदी ने खुद पर लंबे समय से लगने वाले आरोपों का भी जवाब दिया है. उन्होंने अपने संबोधन के माध्यम से सभी धर्मों के प्रति अपने सम्मान व सहिष्णुता को भी प्रदर्शित किया है. यह एक कुशल राजनेता की छवि निर्माण की कवायद का भी हिस्सा है.

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