राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं हैं. आज सुबह उनका देहांत हो गया. लेकिन उनकी यादें हमारे बीच हैं. यादें, जो पल-पल लोगों को उनकी याद दिलाती रहेंगी.
राष्ट्रपति भवन में गाया था रवींद्र संगीत
गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की 150वीं जयंती के मौके पर शुभ्रा बनर्जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के अनुरोध पर अपने ग्रुप के साथ राष्ट्रपति भवन के ऑडिटोरियम में रवींद्र संगीत गाया था. उस वक्त प्रणब मुखर्जी केंद्र सरकार में वित्त मंत्री थे.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से थे मधुर संबंध
शुभ्रा मुखर्जी के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ बहुत मधुर संबंध थे. वे दोनों संगीत, पेंटिंग और कला के बारे में बहुत सारी बातें किया करतीं थीं. इंदिरा गांधी द्वारा दबाव बनाये जाने पर शुभ्रा मुखर्जी ने 1982 में अपने संगीत समूह गीतांजलि का निर्माण किया था.
प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने पर कहा था भालो लागछे
जब प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति बने थे, उस वक्त शुभ्रा मुखर्जी ने यह कहा था, भालो लागछे. शुभ्रा का व्यक्तित्व काफी सरल और सहज था. उन्हें राजनीति में कोई रुचि नहीं थी, लेकिन घर-परिवार की हर जिम्मेदारी वे उठाती थीं. जब उनसे उस वक्त यह पूछा गया था कि क्या उन्होंने प्रणब मुखर्जी को बधाई दी है, तो वे शरमा गयीं थीं और कहा था, नहीं-नहीं.
हम आजकल के कपल की तरह नहीं हैं. हम एक दूसरे को बोलकर सारी बातें व्यक्त नहीं करते हैं. हमारा संबंध अलग तरह का है. वे प्रतिदिन स्नान के बाद मेरा मस्तक छूकर कुछ मंत्र पढ़ते हैं और हमारे दिनचर्या की शुरुआत होती है. इससे अधिक कुछ नहीं. शुभ्रा मुखर्जी ने बताया था कि उनके पति पढ़ने-लिखने वाले हैंवे हमेशा किताबों में खोये रहते थे.