आज से दो दिनों की अमेठी यात्रा पर राहुल गांधी, मोदी सरकार पर साधा निशाना
अमेठी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया और उसपर सिर्फ पूंजीवादियों के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही देश के हितों का संरक्षण कर सकती है, जिसके लिए पार्टी को मजबूत करना होगा. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने संसदीय क्षेत्र की आज से शुरु […]
अमेठी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया और उसपर सिर्फ पूंजीवादियों के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही देश के हितों का संरक्षण कर सकती है, जिसके लिए पार्टी को मजबूत करना होगा.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने संसदीय क्षेत्र की आज से शुरु हुई दो दिन की यात्रा के दौरान पुरे लडई गांव में लोगों के साथ संवाद करते हुए कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार सिर्फ सरमाएदारों के भले के लिए काम कर रही है.केंद्र के भूमि अधिग्रहण विधेयक का जिक्र करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि राजग सरकार इस विधेयक के जरिए किसानों की जमीन हडप लेना चाहती है, लेकिन कांग्रेस मोदी सरकार के इस प्रयास का पूरी सख्ती से विरोध करेगी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोगों की आकांक्षाओं को उनकी उम्मीदों के अनुरुप पूरा नहीं कर पाएगी क्योंकि केंद्र अथवा उत्तर प्रदेश में वह सत्ता में नहीं है.संसद के मानसून सत्र के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र का यह पहला दौरा था. इस सत्र के दौरान कांग्रेस ने व्यापम, ललितगेट और भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर जमकर हंगामा मचाया.
इससे पूर्व राहुल गांधी आज सुबह लखनउ में चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरे और सीधे अपने चुनाव क्षेत्र के लिए रवाना हो गये, जहां उन्हें लोगों से बात करनी थी और उन्हें सरकार की ‘जनविरोधी’ नीतियों से अवगत कराना था.अमेठी जाते हुए अपने संक्षिप्त ठहराव के दौरान राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ कांग्रेस ही देश के हितों की हिफाजत कर सकती है.
ग्रामीणों के साथ कई जगहों पर बात करते हुए भी राहुल ने पार्टी को मजबूत करने की जरुरत बताई. उन्होंने कहा, ‘‘आपका फर्ज है कि आप कांग्रेस को मजबूत करें. देश का भविष्य कांग्रेस के हाथों में है.’’ राहुल दखिन गांव भी गये और ग्रामीणों से बात की.राहुल की इस यात्रा को भाजपा की इस योजना से जोडकर देखा जा रहा है, जिसमें पार्टी कांग्रेस के कब्जे वाले 44 लोकसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं को भेजना चाहती है ताकि संसद के मानसून सत्र में कोई कामकाज न होने के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया जा सके.