शुभ्रा मुखर्जी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना

नयी दिल्ली :बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आज नयी दिल्ली पहुंचीं . हवाई अड्डे से वह सीधा राष्ट्रपति भवन पहुंची और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्‍ट्रपति की पत्नी को यहां पहुंचकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2015 8:39 AM

नयी दिल्ली :बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आज नयी दिल्ली पहुंचीं . हवाई अड्डे से वह सीधा राष्ट्रपति भवन पहुंची और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्‍ट्रपति की पत्नी को यहां पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.

आजशेख हसीनानरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी और वार्ता करेंगी. विदेश मंत्रालय की तरफ से मंगलवार शाम जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक इसके बाद वह प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी के सरकारी आवास पर जायेंगी जहां शुभ्रा मुखर्जी के शव को लोगों के अंतिम संस्कार के लिए रखा जायेगा. शुभ्रा मुखर्जी का मंगलवार को निधन हो गया था. वह 74 वर्ष की थीं.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके सरकारी आवास पर वार्ता करेंगी. दोनों के बीच यह दूसरी बार वार्ता हो रही है. पिछली बार छह-सात जून को मोदी के बांग्लादेश दौरे में ढाका में दोनों के बीच वार्ता हुई थी. उस दौरान दोनों देशों ने 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौता भी शामिल था. ढाका में हसीना के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री ए. एच. महमूद अली, उनकी छोटी बहन शेख रिहाना और बेटी सायमा वजीद भी साथ जाएंगी.
15 अगस्त 1975 को निर्वासन में दिल्ली में रहने के दौरान हसीना की शुभ्रा और मुखर्जी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ काफी नजदीकियां बन गई थीं. 1975 में तख्तापलट के दौरान बांग्लादेश की आजादी के सूत्रधार शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अधिकतर सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. हसीना और रिहाना बच गए थे क्योंकि उस वक्त वे विदेश में थे. तख्तापलट के बाद भारत ने हसीना और रिहाना को करीब छह वर्षों तक आश्रय दिया था.
शुभ्रा मुखर्जी का पैतृक घर पश्चिमी बांग्लादेश के नारैल जिले भद्रबिला गांव में है जहां वह पिछली बार मार्च 2013 में गई थीं. बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने भी शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर शोक जताया और उनकी आत्मा की शांति की कामना की. उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति सांत्वना प्रकट की है. पीएमओ ने अलग से शोक संदेश जारी किया जिसमें हसीना ने शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर शोक जताया और अपने बुरे दिनों में उनके साथ बिताए गए पलों को याद किया.

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