NSA LEVEL TALK : हुर्रियत के अलगाववादी नेताओं के घरों पर फिर सुरक्षा बलों की तैनाती

नयी दिल्ली :पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज के कश्मीर अलगाववादियों से मिलने की जिद से भारत व पाकिस्तान के बीच दो दिन बाद होने वाली एनएसए स्तर की वार्ता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.पाकिस्तान व अलगाववादियों के अडियल रुख के बाद आज एक बार फिर सरकार ने अलगाववादी नेताओं के घरों पर सुरक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2015 10:18 AM

नयी दिल्ली :पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज के कश्मीर अलगाववादियों से मिलने की जिद से भारत व पाकिस्तान के बीच दो दिन बाद होने वाली एनएसए स्तर की वार्ता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.पाकिस्तान व अलगाववादियों के अडियल रुख के बाद आज एक बार फिर सरकार ने अलगाववादी नेताओं के घरों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है. प्रमुख अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख, शब्बीर शाह, यासीन मल्लिक के घर पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है. वहीं, बताया गया है कि मीरवाइज व शब्बीर शाह अनंतनाग जा रहे हैं. हालांकि इन प्रमुख अलगाववादी नेताओं की नजरबंदी के बावजूद इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है कि इनके प्रतिनिधि बन कर दूसरी पांच के नेता नयी दिल्ली पाक दूतावास न पहुंच जायें.

अगर पाकिस्तान ने अपने रवैये में बदलाव नहीं लाया, तो यह अहम बैठक खटाई में भी पड सकती है. उधर, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह ने कहा है कि वे 23 अगस्त की शाम वे सरताज अजीज से मिलेंगे.शब्बीर शाह ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने सितंबर में जायेंगे, वहां भी इस मुद्दे पर बात होना चाहिए.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा है कि कश्मीरी नेताओं से मुलाकात एक सामान्य बात है. उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता से पहले कश्मीर के नेताओं से मिलना व बात करना सामान्य बात है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो महीने में 70 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया गया है और हम इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान ने शांति व सौहार्द्र का राग अलापते हुए कहा कि एलओसी पर शांति चाहते हैं. खलीलुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है.

इधर, भारत व पाकिस्तान के बीच 23-24 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा स्तरीय वार्ता की तैयारियों भारत सरकार पूरे जोरदार ढंग से कर रही है, ताकि आतंकवाद को मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं रह जाये. इसी के मद्देनजर एनआइए चीफ शरद कुमार आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीज डोभाल से मिलेंगे. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डोभल को शरद कुमार ने पाकिस्तान के जीवित पकडे गये आतंकी मोहम्मद नावेद के बारे में जानकारी देंगे. उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने विकास स्वरूप ने आज सुबह ट्वीट कर कहा है कि हमने पाकिस्तान को बातचीत का एजेंडा 18 अगस्त को ही भेज दिया है, जिस पर उसकी मंजूरी का इंतजार है. उन्होंने यह भी कहा है कि उफा में बनी सहमति के अनुरूप एनएसए स्तर की वार्ता को आतंकवाद से भटकाया नहीं जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा है कि यह पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज का हुर्रियत नेताओं से मिलने का यह उचित समय नहीं है.
सिर्फ आतंकवाद पर केंद्रित होगी वार्ता
भारत सरकार ने पाकिस्तान को यह कडा संदेश दे दिया है कि दोनों देशों के एनएसए के बीच वार्ता सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर केंद्रित होगी और वह इस वार्ता को किसी दूसरी दिशा में भटकाने की कोशिश नहीं करे. ध्यान रहे कि रूस के उफा शहर भी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिले थे, तो उसमें भी आतंकवाद, घुसपैठ जैसे मुद्दों पर ही एनएसए स्तर की वार्ता की बात तय हुई थी. ऐसे में पाकिस्तान की कश्मीरी अलगाववादियों से वार्ता उसको भटकाने की कोशिश ही है. ध्यान रहे कि एनएसए स्तर की वार्ता को लेकर हाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मिल चुके हैं.
कश्मीरी अलगाववादियों को भी कडा संदेश
भारत सरकार ने कश्मीरी अलगाववादियों को भी कडा संदेश दिया है कि वे पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से मिलने की कोशिश नहीं करें और अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें इसके कडे परिणाम भुगतने पडेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अलगाववादियों को भी यह संदेश दे दिया है कि उनके साथ इस मुद्दे पर ढीला व्यवहार नहीं किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार में आने के बाद पिछले साल अगस्त में एन वक्त पर भारत ने दोनों देशों के विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी. साल भर पहले भी इसका कारण पाकिस्तान विदेश सचिव की कश्मीरी अलगाववादियों से मिलने की कोशिश थी. दरअसल, पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में पाकिस्तान के अहम लोगों से कश्मीरी अलगाववादी मिलते रहे हैं.
एनएसए स्तर की वार्ता से ही तय होगा भारत-पाक रिश्तों का भविष्य
दोनों देशों के रिश्तों के बीच जमी बर्फ को पिघलाने में एनएसए स्तर की वार्ता अहम साबित हो सकती है. पर, इसके लिए सबसे अहम यह है कि पाकिस्तान अपना बालहठ छोड दे कि वह कश्मीर के अलगाववादियों से वार्ता करेगा ही. एनएसए स्तर की वार्ता के सही दिशा में आगे बढने पर भी भविष्य में नरेंद्र मोदी का पाकिस्तान दौरा भी निर्भर करेगा. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने देश की यात्रा पर आने का न्योता दिया है.

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