स्वराज का कहना है कि अगर शिमला समझौते और उफा में बनी सहमति की भावना का सम्मान करते हुए पाकिस्तान आतंकवाद पर बातचीत चाहता है और हुर्रियत से बातचीत न करे, तो भारत वार्ता को राजी है. अगर पाक ये दोनों शर्तें मानता है तो वह आज रात तक जवाब दे. इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्र म के तहत बातचीत शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगावादी नेताओं के साथ बैठक पर अडिग रहते हुए कहा है कि भारत के साथ वार्ता से पहले पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी नेताओं के साथ परामर्श की परंपरा रही है. अजीज का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्नी अपनी शर्तों पर संबंध सामान्य करना चाहते हैं.
हुर्रियत के बिलाल लोन, शब्बीर शाह और दो अन्य हिरासत में
नयी दिल्ली: भारत पाक एनएसए वार्ता पर अनिश्चितता के बीच हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता बिलाल लोन और शब्बीर शाह समेत चार अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से मुलाकात करने से रोकने के लिये शनिवार को यहां दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचते ही हिरासत में ले लिया गया. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी चारों अलगाववादी नेताओं को राजधानी में घर में नजरबंद रखा गया है. हुर्रियत के मीरवाइज उमर फारुक की अगुवाई वाले उदारवादी धड़े के कार्यकारी सदस्य लोन को विमान से उतरने के दौरान विमान की सीढ़ी पर ही रोक दिया गया और सूचित किया गया कि वह हिरासत में हैं और दक्षिणी दिल्ली में अपने किराये के मकान तक ही सीमित रहेंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
लोन कश्मीर के चौथे अलगाववादी नेता हैं जिन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. इससे पूर्व, पिछले साल हुर्रियत से अलग होकर अपनी डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी का गठन करने वाले शब्बीर शाह को उनकी पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ यहां सुबह हिरासत में ले लिया गया.
बिलाल ने अपनी हिरासत के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सरकारी सूत्रों के अनुसार, अलगाववादी नेताओं को बताया गया कि अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के बीच संभावित वार्ता से पूर्व राष्ट्रीय राजधानी में उनकी आवाजाही पर बंदिशें लगायी गयी हैं. शाह और दो अन्य अलगाववादी नेताओं मोहम्मद अब्दुल्ला तारी तथा जमीर अहमद शेख को दक्षिणी दिल्ली में एक गेस्ट हाउस में घर में नजरबंद रखा गया है और तीनों केवल वहीं तक सीमित रहेंगे. सभी अलगाववादी नेताओं को एक विकल्प दिया गया है कि वे केवल श्रीनगर की यात्र करने के लिए स्वतंत्र हैं, यदि वे चाहें तो.
इससे पूर्व श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना होते हुए शाह ने कहा था कि वह अजीज से मिलना चाहेंगे. आज हम भारत की जनता से यह पूछने जा रहे हैं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके नेता लालकृष्ण आडवाणी या मनमोहन सिंह गलत थे. उनके कार्यकाल में, उन्होंने कभी भी हमें पाकिस्तानी अधिकारियों के भारत आने पर उनसे मुलाकात करने से नहीं रोका. उन्होंने कहा, कश्मीर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. पाकिस्तान का रुख स्पष्ट है. वे कह रहे हैं कि वे वार्ता के लिए आएंगे और जो भी कहना चाहते हैं, कहें. भारत भी अपने तर्क पेश कर सकता है लेकिन कश्मीर मुद्दे को अवश्य शामिल किया जाए.
शीर्ष अलगाववादी नेताओं को दिल्ली में अजीज के लिए आयोजित किए जाने वाले एक स्वागत समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग की ओर से आमंत्रण मिला है. अजीज के कल दोपहर बाद दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है जहां यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो वह सोमवार को डोभाल से वार्ता करेंगे. पाकिस्तान उच्चायोग का कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और अन्य अलगाववादी नेताओं को अजीज से मिलने के लिए आमंत्रित करने से भारत खफा हो गया है लेकिन पाकिस्तान अपने इस रुख पर कायम है कि इस प्रकार की मुलाकातें आम बात हैं.