एनएसए स्तर की वार्ता रद्द, पाक ने कहा, भारत नहीं जाएंगे सरताज !

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : नयी दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अहम एनएसए स्तर की वार्ता शुरू होने से कुछ ही घंटों पहले रद्द हो गयी. पाकिस्तान ने भारत की बात मानने से इनकार कर दिया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि वार्ता के लिए पाक के राष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2015 8:00 PM
नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : नयी दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अहम एनएसए स्तर की वार्ता शुरू होने से कुछ ही घंटों पहले रद्द हो गयी. पाकिस्तान ने भारत की बात मानने से इनकार कर दिया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि वार्ता के लिए पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारत नहीं जाएंगे. गौरतलब है कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ शब्दों में कह दिया है कि भारत-पाक के बीच बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मंजूर नहीं है. जबकि पाकिस्तान हुर्रियत से बातचीत पर अड़ा है. इससे पहले पाकिस्तान ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह भारत की शर्तों पर बातचीत नहीं करेगा. रिपोर्टस के मुताबिक पाकिस्तान का कहना है कि विदेश मंत्री के बयान के बाद बातचीत का कोई मतलब नहीं है.
इससे पहले पाकिस्तान ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह भारत की शर्तों पर बातचीत नहीं करेगा. पाकिस्तान का कहना है कि विदेश मंत्री के बयान के बाद बातचीत का कोई मतलब नहीं है. पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने सुषमा स्वराज की बतायी गयी शर्तों का गहराई से अध्ययन किया और इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि भारतीय विदेशमंत्री की ओर से रखी गयी दोनों शर्तों के आधार पर दोनों देशों के प्रस्तावित एनएसए वार्ता होती है, तो इससे कोई मकसद पूरा नहीं होगा. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्नी सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को आज रात तक का वक्त देते हुए उससे हुर्रियत से मुलाकात या कश्मीर पर बात ना करने का आश्वासन मांगा.
इसके साथ ही उन्होंने साफ किया था कि पाक अगर इन दो मुद्दों पर आश्वासन नहीं देता, तो राजधानी दिल्ली में रविवार को होने अहम वार्ता नहीं होगी. इस पर पाकिस्तान सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना था कि भारत की बतायी शर्तों के बाद बातचीत रद्द सी हो गई है. वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि भारत ने ही दोनों देशों के बीच प्रस्तावित यह महत्वपूर्ण बातचीत परोक्ष तौर पर रद्द कर दी है.

स्वराज का कहना है कि अगर शिमला समझौते और उफा में बनी सहमति की भावना का सम्मान करते हुए पाकिस्तान आतंकवाद पर बातचीत चाहता है और हुर्रियत से बातचीत न करे, तो भारत वार्ता को राजी है. अगर पाक ये दोनों शर्तें मानता है तो वह आज रात तक जवाब दे. इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्र म के तहत बातचीत शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगावादी नेताओं के साथ बैठक पर अडिग रहते हुए कहा है कि भारत के साथ वार्ता से पहले पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी नेताओं के साथ परामर्श की परंपरा रही है. अजीज का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्नी अपनी शर्तों पर संबंध सामान्य करना चाहते हैं.

हुर्रियत के बिलाल लोन, शब्बीर शाह और दो अन्य हिरासत में
नयी दिल्ली: भारत पाक एनएसए वार्ता पर अनिश्चितता के बीच हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता बिलाल लोन और शब्बीर शाह समेत चार अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से मुलाकात करने से रोकने के लिये शनिवार को यहां दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचते ही हिरासत में ले लिया गया. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी चारों अलगाववादी नेताओं को राजधानी में घर में नजरबंद रखा गया है. हुर्रियत के मीरवाइज उमर फारुक की अगुवाई वाले उदारवादी धड़े के कार्यकारी सदस्य लोन को विमान से उतरने के दौरान विमान की सीढ़ी पर ही रोक दिया गया और सूचित किया गया कि वह हिरासत में हैं और दक्षिणी दिल्ली में अपने किराये के मकान तक ही सीमित रहेंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

लोन कश्मीर के चौथे अलगाववादी नेता हैं जिन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. इससे पूर्व, पिछले साल हुर्रियत से अलग होकर अपनी डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी का गठन करने वाले शब्बीर शाह को उनकी पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ यहां सुबह हिरासत में ले लिया गया.

बिलाल ने अपनी हिरासत के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सरकारी सूत्रों के अनुसार, अलगाववादी नेताओं को बताया गया कि अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के बीच संभावित वार्ता से पूर्व राष्ट्रीय राजधानी में उनकी आवाजाही पर बंदिशें लगायी गयी हैं. शाह और दो अन्य अलगाववादी नेताओं मोहम्मद अब्दुल्ला तारी तथा जमीर अहमद शेख को दक्षिणी दिल्ली में एक गेस्ट हाउस में घर में नजरबंद रखा गया है और तीनों केवल वहीं तक सीमित रहेंगे. सभी अलगाववादी नेताओं को एक विकल्प दिया गया है कि वे केवल श्रीनगर की यात्र करने के लिए स्वतंत्र हैं, यदि वे चाहें तो.

इससे पूर्व श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना होते हुए शाह ने कहा था कि वह अजीज से मिलना चाहेंगे. आज हम भारत की जनता से यह पूछने जा रहे हैं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके नेता लालकृष्ण आडवाणी या मनमोहन सिंह गलत थे. उनके कार्यकाल में, उन्होंने कभी भी हमें पाकिस्तानी अधिकारियों के भारत आने पर उनसे मुलाकात करने से नहीं रोका. उन्होंने कहा, कश्मीर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. पाकिस्तान का रुख स्पष्ट है. वे कह रहे हैं कि वे वार्ता के लिए आएंगे और जो भी कहना चाहते हैं, कहें. भारत भी अपने तर्क पेश कर सकता है लेकिन कश्मीर मुद्दे को अवश्य शामिल किया जाए.

शीर्ष अलगाववादी नेताओं को दिल्ली में अजीज के लिए आयोजित किए जाने वाले एक स्वागत समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग की ओर से आमंत्रण मिला है. अजीज के कल दोपहर बाद दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है जहां यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो वह सोमवार को डोभाल से वार्ता करेंगे. पाकिस्तान उच्चायोग का कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और अन्य अलगाववादी नेताओं को अजीज से मिलने के लिए आमंत्रित करने से भारत खफा हो गया है लेकिन पाकिस्तान अपने इस रुख पर कायम है कि इस प्रकार की मुलाकातें आम बात हैं.

पाकिस्तान का स्टैंड
दिन में पाक एनएसए सरताज अजीज ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि बातचीत में कश्मीर मुद्दा है. उन्होंने यह माना कि उफा में वार्ता का जो एजेंडा तय हुआ था उसमें जम्मू कश्मीर शब्द का प्रयोग नहीं हुआ था, लेकिन समग्र मुद्दों पर वार्ता की बात तय हुई थी, जिसमें जम्मू कश्मीर भी आता है. पाकिस्तान के एनएसए ने यह भी कहा कि वे दिल्ली को तीन डोजियर सौंपेंगे और अगले महीने यूएनओ में महासचिव को भी देंगे.
अजीज ने मोदी सरकार पर अपनी शर्तों पर वार्ता करने का दबाव बनाने का भी आरोप मढा. उधर, शाम चार बजे जब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कान्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के सिवा किसी मुद्दे पर वार्ता नहीं होगी, तब पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री परवेज राशिद ने वहां के एक टीवी चैनलप्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरताज अजीज का बैग तैयार है और वे भारत जायेंगे, बशर्ते भारत मेजबानी से इनकार नहीं करे. उन्होंने यह भी कहा कि मेहमान पर शर्तें थोपना उचित नहीं है, लेकिन सुषमा की शर्त पर पाकिस्तान की ओर से अबतक अधिकारिक टिप्पणी नहीं आयी है. हालांकि पाकिस्तान सरकार के सूत्रों से खबर आ रही है कि वह सुषमा की हिदायत के बावजूद अलगाववादियों से वार्ता की जिद पर अडा हुआ है.

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