नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज से मिस्र और जर्मनी की दो देशों की यात्रा रवाना हुईं , जिसमें व्यापार और निवेश को बढाने पर ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के नये आयाम खुलने की उम्मीद हैं. इस चार दिवसीय यात्रा के दौरान सुषमा सबसे पहले मिस्र जायेंगी. मिस्र की राजधानी काहिरा में विदेश मंत्री वहां के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी से मुलाकात करेंगी, साथ ही मिस्र के अपने समकक्ष समेह हसन शौकरी से भी बातचीत करेंगी. इसके अलावा सुषमा का अरब देशों के लीग के महासचिव नाबिल अलअराबी एवं अन्य नेताओं से भी मिलने का भी कार्यक्रम है.विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा की मिस्र की यह पहली यात्रा है.
इस यात्रा के दौरान सुषमा का काहिरा में प्रतिष्ठित डिप्लोमेटिक क्लब में संबोधन देने का कार्यक्रम है जिसकी मेजबानी मिस्र के विदेश मामलों की परिषद कर रही है. विदेश मंत्रालय का कहना है, ‘‘विदेश मंत्री की काहिरा यात्रा से दोनों देशों को द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा करने और मिस्र के नेतृत्व के साथ आपसी हितों से जुडे सभी मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करने का अवसर मिलेगा.’’ मिस्र को पारंपरिक तौर पर अफ्रीका महाद्वीप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार के रुप में देखा जाता है.
अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के बीच पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत और मिस्र के बीच कारोबार 4.76 अरब डालर दर्ज किया गया. महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत, मिस्र का छठा सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है. वित्त वर्ष 2014.15 के दौरान मिस्र से भारत का आयात 1.74 अरब डालर रहा. सुषमा स्वराज 25 से 27 अगस्त तक बर्लिन यात्र पर होंगी जहां वह जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टिेनमियर और कई अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगी. दोनों देशों के इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने की उम्मीद है और इसमें विशेष तौर पर आर्थिक सहयोग को बढाने पर ध्यान होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल में जर्मनी की यात्र की थी जिसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को व्यापक बनाने पर सहमति व्यक्त की थी. उस यात्रा के अंत में जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों देशों ने विविध आयामों वाले और साझा लाभ के संबंधों को बढाने और सामरिक गठजोड को और मजबूत बनाने के लिए ठोस खाका तैयार किया है.
यूरोपीय संघ में जर्मनी, भारत का सबसे बडा व्यापारिक साङोदार है और विश्व में 10वां शीर्ष कारोबारी सहयोगी है. जर्मनी, भारत में आठवां सबसे बडा विदेशी निवेशक है. जनवरी से नवंबर 2014 के बीच भारत में उसका प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 99.5 करोड डालर रहा. पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच वस्तु एवं सेवाओं का आदान प्रदान 15.96 अरब यूरो था जो साल 2013 की तुलना में 1.14 अरब यूरो कम रहा। 2013 में वस्तु एवं सेवाओं का आदान प्रदान 16.10 अरब यूरो रहा था. साल 2014 में जर्मनी को भारत का निर्यात मामूली रुप से बढकर 7.03 अरब यूरो रहा था जबकि जर्मनी से आयात घटकर 8.92 अरब यूरो रहा था.