नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएसटी बिल को पारित करवाने के लिए एक बार फिर से कमर कस ली है. सरकार इस बिल को पारित करवाने के लिए मॉनसून सत्र के दूसरे चरण को या फिर विशेष सत्र को बुलाने के विकल्प पर विचार कर रही है. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने इस बिल के के लिए कांग्रेस के आवश्यक सहयोग के मद्देनजर न केवल आज विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे से भेंट कर सहयोग की भावुक अपील की, बल्कि बाद में प्रेस कान्फ्रेंस कर इस बिल के अटकने पर देश की विकास की रफ्तार के धीमा पडने के हालात में एडवांस में ही उसका दोष कांग्रेस के सिर मढ दिया.
वेंकैया ने कहा कि इस बिल के अटकने से देश की जनता की उम्मीदों व युवाओं के सपने टूट जायेंगे. वेंकैया ने इसे विकास दर व जीडीपी बढाने वाला विधेयक बताया. वेंकैया ने यह भी सरकार हर मुद्दे पर वार्ता व चर्चा को तैयार है.
वहीं, कांग्रेस ने अबतक इस मामले में कोई नरमी दिखाने का संकेत नहीं दिया है. हालांकि कांग्रेस औपचारिक रूप से अपने संशोधनों की मांग पर अडी है.
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि उनकी पार्टी इसके विभिन्न पहलुओं को देखेगी. खडगे ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार एक विशेष सत्र बुलाना चाहती है और शायद वे सभी दलों से विचार विमर्श कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन, जबतक हम यह न देख लें कि संशोधित उपबंध क्या है और स्थायी समिति और सरकार के प्रस्ताव में क्या समानता है व जबतक हमें अंतिम विधेयक नहीं मिलता है, हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि विधेयक के किस प्रावधान को स्वीकार किया गया है और किसे रद्द किया गया है. उन्होंने कहा कि हमें विधेयक की प्रति भेजी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम देखना चाहेंगे कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के किन प्रस्तावों को स्वीकार किया गया है.
मल्लिकार्जुन खडगे के इस रुख से साफ है कि कांग्रेस इस बिल को मौजूदा स्वरूप में पारित नहीं होने देगी. उधर, सरकार ने भी अपने रुख में नरमी के संकेत दिये हैं. पिछले ही दिनों वेंकैया नायडू कह चुके हैं कि वे विधेयक पर विपक्ष से वार्ता को तैयार हैं. आज भी वेंकैया ने कहा कि सरकार ने लोकसभा में बहुमत होने के बावजूद विभिन्न अहम विधेयकों को पुन: स्टैंडिंग कमेटी, सलेक्ट कमेटी व ज्वाइंट कमेटी में भेजा है.