Loading election data...

हार्दिक को हिरासत में लिये जाने के विरोध में समर्थकों ने बस में लगायी आग, थाने में किया तोड़फोड़, सूरत में कर्फ्यू लगाया गया

अहमदाबाद : हार्दिक पटेल को आज हिरासत में लिए जाने के बाद हिंसा फैलने पर अहमदाबाद पुलिस ने रिहा कर दिया. हिरासत में लिये जाने के बाद समर्थकों ने राज्यभर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया. सूरत में समर्थकों ने बस में आग लगा दिया. वहीं अहमदाबाद में दो बाइक फूंकी. सोला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2015 7:12 PM

अहमदाबाद : हार्दिक पटेल को आज हिरासत में लिए जाने के बाद हिंसा फैलने पर अहमदाबाद पुलिस ने रिहा कर दिया. हिरासत में लिये जाने के बाद समर्थकों ने राज्यभर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया. सूरत में समर्थकों ने बस में आग लगा दिया. वहीं अहमदाबाद में दो बाइक फूंकी. सोला पुलिस थाने में आगजनी की गयी.इसे देखते हुए सूरत के दो याना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है.इधर हिंसा भड़के के बाद गुजरात की मुख्‍यमंत्री आनंदीबेन ने आंदोलन कर रहे लोगों से शांति बनाये रखने की अपिल की.

अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण दिये जाने की मांग कर रहे पटेल समुदाय के आंदोलन ने आज हिंसक रूप ले लिया और शहर के कई हिस्सों में झडपें होने की खबरें हैं जहां पुलिस को हालात को काबू में करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले छोड़ने पडे़.

पटेल समुदाय के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों के बीच वदाज, वस्त्रपुर, निकोल और पालदी इलाकों से संघर्ष की खबरें हैं. समुदाय के सदस्यों ने एक बड़ी रैली के बाद अपने नेता हार्दिक पटेल के आह्वान पर बंद कराने का प्रयास किया था तभी संघर्ष हुआ. पुलिस ने कहा कि वदाज इलाके में जब स्कूटरों और बाइकों पर सवार पटेल समुदाय के सदस्यों ने बंद का प्रयास किया तो दलित समुदाय के स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया और नतीजतन दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हुआ और पथराव भी हुआ.

शहर नियंत्रण कक्ष के पुलिस निरीक्षक डी आर धमल ने कहा, जब पटेलों और दलितों के दो समूह आपस में भिड़ गये तो पुलिस ने भीड़ पर आंसूगैस के गोले छोडे और लाठीचार्ज किया. धमल ने कहा कि पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर वदाज पुलिस चौक के पास इलाके में दुकानों और बसों में तोड़फोड़ की और बाद में उनकी दलित समुदाय के लोगों से झडप हो गयी.

एक और पुलिस अधिकारी के मुताबिक वस्त्रपुर, पालदी और निकोल इलाकों से भी इसी तरह की खबरें हैं. पटेल समुदाय के युवा बड़ी संख्या में बंद कराने के लिए अपने दोपहिया वाहनों पर शहर की कई सड़कों पर निकले. कुछ स्थानों पर सिटी बसों के शीशे तोडे जाने की भी खबरें हैं.

प्रदर्शन हिंसक होने के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गलत तरह से पीटा. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार को इसके बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे.

उन्होंने कहा, पालदी में और वस्त्रपुर में मानसी चौराहे पर पटेल समुदाय के प्रदर्शनकारियों को पीटकर पुलिस ने गलत किया है. उन्होंने कहा, वे शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे तभी पुलिस ने लाठीचार्ज किया. सरकार को अब बुरे नतीजों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

गौरतलब हो कि ओबीसी कोटा की मांग को लेकर आज पटेल समुदाय के लोग विशाल जनसभा का आयोजन किये. जिसमें शामिल होने हजारों की संख्‍या में लोग सुबह से ही जुटने लगे हैं. इस जनसभा का आयोजन अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में किया गया है. इस विशाल जनसभा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गये थे. इस रैली में आंदोलन के कन्वेनर हार्दिक पटेल ने भाजपा को मांगे मानने की चेतावनी दी जबकि नीतीश कुमार को अपना बताया.

हार्दिक पटेल के भाषण के प्रमुख बिंदु

1. जब तक मुख्यमंत्री आकर हमारा ज्ञापन स्वीकार नहीं करतीं हैं, तब तक हम भूख हड़ताल करेंगे.

2. पटेल समाज को हक और न्याय मिलना चाहिए.

3. हम पूरे देश में 27 करोड़ हैं. कुछ लोगों ने कहा गुजरात में तुम्हारा पोल पावर बहुत है. उन्होंने गुजरात में तो देख लिया बिहार में नहीं देखा क्या? नीतीश कुमार हमारा है. आंध्रप्रदेश नहीं देखा चंद्रबाबू नायडू हमारा है.

4. सरकार ने यदि हमारी मांगे नहीं मानी तो हम सरकार को उखाड़ फेकेंगे.

5. हम सरदार के वंशज हैं. हम जहां निकलते हैं क्रांति शुरू हो जाती है. यदि हमे न्याय नहीं मिला तो हम छिनना भी जानते हैं.

6. हार्दिक पटेल ने कहा जिस स्तर का अरविंद केजरीवाल ने किया है हम भी कुछ ऐसा ही करेंगे. अब कोई रावण लंका में नहीं बचेगा.

7. हमारी मांग 100 मीटर की दौड़ नहीं मैराथन है. जवान किसान और मजदूर से देश चलता है.

8. यदि हमारी मांगे नहीं मानी गयी तो 2017 में हम कमल नहीं खिलने देंगे.

9. अब किसान ने आत्म हत्या की तो पूरे देश में आक्रोश होगा. हमारी मांगे मानी जाये तब होगा सबका साथ सबका विकास. पिछले 10 साल में गुजरात में 6 हजार किसानों ने आत्महत्या की.

10. सरदार प‍हले पीएम होते तो हम बाहर नहीं निकलते. ये केवल सरदार पटेल की प्रतिमा लगा रहे हैं. पहले अंदर झांक ले कि मन में पटेल है या नहीं. सरदार के संस्कार आज भी हमारे अंदर है.

Next Article

Exit mobile version