नयी दिल्ली : वन रैंक वन पेंशन को लेकर आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर बैठक की. इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे. इनके अलावा आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार भी बैठक में मौजूद थे.
गौरतलब हो कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिक आंदोलनरत हैं. इस मामले को लेकर अभी राजनीति भी हो रही है. जहां पूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं वहीं कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने पूर्व सैनिकों की इस मांग का समर्थन किया है और केंद्र सरकार पर पूर्व सैनिकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
दूसरी ओर इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों के लिए 28 अगस्त तक अच्छी खबर सरकार की ओर से मिल सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों की मांगों पर विचार करते हुए 28 अगस्त को बड़ा ऐलान कर सकती है.
वन रैंक वन पेंशन को लेकर आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए कई मंत्रालयों से बात की और इस पर जल्द फैसला लेने का निर्णय लिया है. हालांकि वन रैंक वन पेंशन की घोषणा को लेकर अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
* जंतर-मंतर में अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं पूर्व सैनिक
जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. कल कर्नल पुष्पेंद्र सिंह को अस्पताल में भरती करवाया गया तो आज हवलदार मेजर सिंह को अस्पताल में भरती करवाने के लिए एबुलेंस जंतर मंतर पर पहुंची है. हालांकि सिंह ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया है. सिंह पिछले 10 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने अस्पताल में भरती किये जाने का विरोध करते हुए कहा, मैं नहीं जाऊंगा, मैं नहीं जाऊंगा. जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों के भूख हड़ताल में अब कई और लोग भी शामिल होने लगे हैं. इनमें पूर्व सैनिक उदय सिंह रावत और मेजर प्यारे चांद भी अब भूखहड़ताल पर बैठे हैं.
पूर्व सैनिक जंतर मंतर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर दो महीने से भी ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन में धीरे- धीरे कई लोग जुड़ रहे हैं. इसमें केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की बेटी मृणालिनी भी कुछ दिनों पहले शामिल हुई और प्रधानमंत्री से अपील की कि वह उनकी मांगो पर ध्यान दें. हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी थी कि प्रधानमंत्री अपना वादा जरूर पूरा करेंगे. कर्नल पुष्पेंद्र सिंह कल आंदोलन के कारण बीमार हो गये थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भरती करवाया गया था.