एनएसए अजीत डोभाल ने तैयार किया दाउद इब्राहिम के कमर तोडने का ब्लू प्रिंट
इंटरनेट डेस्क भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम की कमर तोडने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्होंने इसके लिए एक ठोस डोजियर बनाया है, जिससे आने वाले दिनों में इसकी परेशानी बढेगी. दाउद इब्राहिम के लिए तैयार किये गये डोजियर के माध्यम से […]
इंटरनेट डेस्क
भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम की कमर तोडने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्होंने इसके लिए एक ठोस डोजियर बनाया है, जिससे आने वाले दिनों में इसकी परेशानी बढेगी.
दाउद इब्राहिम के लिए तैयार किये गये डोजियर के माध्यम से वे अधिकतर देशों में डी कंपनी की संपत्ति को जब्त कराना चाहते हैं, जिससे पहले तो उसकी आर्थिक कमर व कारोबारी साम्राज्य टूट जाये, उसके बाद उसे पकड कर भारत लाया जा सके.
बेनामी व बेटी-दामाद के नाम संपत्ति
इस संबंध में अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के वेब संस्करण में आज एक खबर प्रकाशित हुई है, जिसमें विस्तार से दाउद के कारोबार व उसे जब्त करने की कार्यनीति का जिक्र है. खबर के अनुसार, भारत सरकार की खुफिया एजेंसी आइबी व रॉ दुनिया भर में दाउद की संपत्ति का पता लगा रही हैं. अबतक मिली जानकारी से यह पता चला है कि उसकी अधिकतर संपत्ति दुबई व अफ्रीका में है. उसकी ज्यादातर संपत्ति बेनामी है. जबकि कुछ संपत्ति बेटी व दामाद के नाम पर है. उसकी संपत्ति को जब्त करने के लिए व्यापक व वैश्विक खुफिया नेटवर्क की जरूरत है.
दुबई व कई जगह फर्म
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दाउद की दुबई व अन्य जगह पर कई फर्म हैं. दुबई में अल नूर डायमंड्स एंड ओएसिस पॉवर एलसीसी को उसका फर्म बताया जा रहा है. इसके अलावा वहां डॉल्फिन कंस्ट्रक्शन, बंद हो चुकी कंपनी इस्ट वेस्ट एयरलाइंस, किंग वीडियो, मोईन गारमेंट्स जैसी कंपनियां दुबई व अन्य जगहों पर हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फिरोज नाम एक शख्स है, जो उसके कारोबार के प्रबंधन से जुड है. वह ओएसिस ऑयल एंड ल्यूब एलसीसी को मैनेज करता है. वह दक्षिण भारतीय है और तमिल, अरबी, इंग्लिस व हिंदी भाषा बोलता है. वह अल नूर डायमंडस का भी कामकाज देखता है.
अल कायदा से जिक्र
दाउद के ज्यादातर काम भारत, दुबई व अफ्रीका में संचालित हो रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 मुबई ब्लास्ट में दाउद की भूमिका का जिक्र है. साथ ही अल कायदा से उसके संबंधों का जिक्र है. ध्यान रहे कि 2003 में उसे अमेरिका वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है. उसकी भूमिका इंग्लैंड व यूरोप में नशीले पदार्थ को पहुंचाने में भी है और अमेरिकी प्रशासन ने इसका जिक्र किया है.
चूटानी देखता है दुबई में कारोबार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डोजियर में जावेद चूटानी उर्फ डॉक्टर नामक शख्स का जिक्र है. वह दुबई में उसका कामकाज देखता है. डोजियर के मुताबिक दाउद इब्राहिम की आय मुख्य रूप से नशीले पदार्थ के कारोबार, जाली नोटों के कारोबार, लियल्टी व मनी लाउंड्रिंग से होता है. भारत सरकार की खुफिया एजेंसियों की मानती हैं कि उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाये, तो उसे पकडना आसान हो जायेगा. ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुबई दौरे का एक उद्देश्य भारत सरकार का मिशन दाउद इब्राहिम भी माना जा रहा है.