अयोध्या में अस्थायी राम मंदिर के लिए फायरप्रूफ शीट बनायेगा आइआइटी रुड़की

लखनऊ : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुडकी अयोध्या में विवादित स्थल पर रखी भगवान श्रीराम-जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमाओं के लिए जल्द ही एक फायरप्रूफ कवर तैयार करेगा. फैजाबाद के संभागीय आयुक्त सूर्यप्रकाश मिश्रा ने बताया ‘हमने आइआइटी, रुडकी के प्राधिकारियों को फायरप्रूफ कवर बनाने के लिए 11.4 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया है.’ उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 12:52 PM

लखनऊ : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुडकी अयोध्या में विवादित स्थल पर रखी भगवान श्रीराम-जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमाओं के लिए जल्द ही एक फायरप्रूफ कवर तैयार करेगा. फैजाबाद के संभागीय आयुक्त सूर्यप्रकाश मिश्रा ने बताया ‘हमने आइआइटी, रुडकी के प्राधिकारियों को फायरप्रूफ कवर बनाने के लिए 11.4 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया है.’ उन्होंने बताया कि योजना पर आगे बढने से पहले आइआइटी, रुडकी का एक विशेषज्ञ दल मौके का दौरा करेगा.’ मिश्रा ने कहा ‘समझा जाता है कि आइआइटी, रुडकी का विशेषज्ञ दल 30 अगस्त को मौके का दौरा करेगा.’

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय अयोध्या में विवादित स्थल पर अस्थायी राम मंदिर से ‘पुरानी और फट चुकीं’ तारपोलिन शीट, रस्सियां तथा अन्य सामग्री हटा कर उनकी जगह नयी सामग्री का उपयोग करने का आदेश दे चुका है. न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था ‘हम आदेश देते हैं कि अधिकृत व्यक्ति, फैजाबाद के आयुक्त पुरानी और फट चुकी तारपोलिन शीट, जूट की चटाइयां, बांस, पॉलीथीन की शीट और रस्सियां अस्थायी ढांचे से हटायें और उनकी जगह, उतनी ही संख्या में उतने ही आकार की सामग्री ठीक उसी तरह लगायी जायें जैसी पहले लगी थीं.’

आयुक्त ने कहा कि पिछले साल वाटरप्रूफ तारपोलिन लगायी गयी थी. फायरप्रूफ सामग्री भी पुरानी हो गयी है और उसकी हालत ठीक नहीं है. उसे बदलने की जरुरत है. उन्होंने कहा ‘वाटरप्रूफ तारपोलिन हालांकि पिछले साल लगायी गयी थी लेकिन मौसम की वजह से यह फट गयी है.’ मिश्रा ने कहा ‘बाजार में कहीं से भी वाटरप्रूफ सामग्री 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये में खरीदी जा सकती है लेकिन फायरप्रूफ कवर के लिए विशेषज्ञता की जरुरत है. इसीलिए हमने आइआइटी, रुडकी से संपर्क किया.’

उन्होंने कहा कि बांस, रस्सियां, जूट की चटाइयां, पॉलीथीन शीट सहित शेष सामग्री अस्थायी ढांचे की सुरक्षा के लिए हैं. पीठ ने व्यवस्था दी थी कि पुराने कवर की जगह नये कवर लगाने की प्रक्रिया मौके का मुआयना करने वाले दो पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगी. इस पीठ में न्यायमूर्ति वी आर गोपाल गौडा और न्यायमूर्ति आर भानुमति भी थे. पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या में विवादित ढांचे के समीप ‘राम जन्म भूमि’ स्थल पर श्रद्धालुओं को वर्तमान परिदृश्य में बेहतर व्यवहारिक सुविधायें मुहैया कराने पर विचार करने के लिए कहा था.

न्यायालय ने कहा था ‘अगर संभव हो तो, स्थान के अनुरक्षण के लिए और आगंतुकों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कुछ करें.’ इसके अलावा, न्यायालय ने केंद्र से भाजपा नेता सुब्रह्मण्‍यम स्वामी द्वारा दिये गये आवेदन पर प्रतिक्रिया मांगी थी. स्वामी ने श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की मांग की थी. स्वामी का तर्क था कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त इंतजाम न किये जाने के कारण भगवान राम के भक्त पेयजल और शौचालय जैसी सुविधाओं तक से वंचित हैं.

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