केंद्र ने लुटियंस जोन में सांसदों के फ्लैटों के पुनर्निर्माण को दिखायी हरी झंडी
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के नार्थ और साउथ एवेन्यू इलाकों में सांसदों के फ्लैटों को नये सिरे से बनाये जाने के लिए पर्यावरण मंजूरी प्रदान कर दी है. इस योजना के तहत मौजूदा आवासों को चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा और पुनर्निर्माण कार्यक्रम को आठ से दस साल के बीच चरणबद्ध […]
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के नार्थ और साउथ एवेन्यू इलाकों में सांसदों के फ्लैटों को नये सिरे से बनाये जाने के लिए पर्यावरण मंजूरी प्रदान कर दी है. इस योजना के तहत मौजूदा आवासों को चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा और पुनर्निर्माण कार्यक्रम को आठ से दस साल के बीच चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. मई में पर्यावरण आकलन समिति (इएसी) ने प्रस्ताव की समीक्षा की थी और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को दिल्ली के लुटियंस जोन के नार्थ और साउथ एवेन्यू स्थित सांसदों के फ्लैटों के पुनर्निर्माण को पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान कर दी थी.
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इएसी की सिफारिशों के आधार पर पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 के प्रावधानों के तहत सीपीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’ हालांकि यह मंजूरी कुछ शर्तो के साथ दी गयी है जिनमें अन्य कारकों के अलावा ध्वनि और धूल प्रदूषण से बचने के लिए मकानों को गिराने में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाना भी शामिल है.
प्रस्ताव के अनुसार, परियोजना का कुल क्षेत्र 1.99 लाख वर्ग मीटर होगा. इमारतों में अधिकतम भूतल और प्रथम तल शामिल होगा. इस स्थल पर मौजूदा मकानों में 424 घर हैं जिन्हें चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा. इस परियोजना के तहत 291 डूपलेक्स रिहायशी आवास और 291 सर्वेन्ट कर्वाटर बनाये जाएंगे.
कुल परियोजना में से 67,462 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को हरित क्षेत्र तथा लैंडस्केप के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें 873 चार पहिया और 291 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव है. हालांकि यह मंजूरी गोवा फाउंडेशन बनाम केंद्र सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय के अंतिम आदेश पर निर्भर करेगी.