सुप्रीम कार्ट ने इतालवी नौसैनिक की सुनवाई पर लगायी 13 जनवरी तक रोक
नयी दिल्ली : दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में दो इतालवी नौसैनिक के मामलों पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी तक रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र ट्राइब्यूनल में इटली की अर्जी पर सुनवाई के बाद यह फैसला लिया गया है. यूएन ट्राइब्यूनल ने इन दोनों देशों […]
नयी दिल्ली : दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में दो इतालवी नौसैनिक के मामलों पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी तक रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र ट्राइब्यूनल में इटली की अर्जी पर सुनवाई के बाद यह फैसला लिया गया है. यूएन ट्राइब्यूनल ने इन दोनों देशों में सुनवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था. इटली चाहता था कि इन दोनों सैनिकों पर आवाजाही पर लगे प्रतिबंध भी हटा लिया जाए लेकिन फिहहाल इस पर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया.
गौरतलब है कि दो इतालवी सैनिक मैसिमिलानो लाटोरे और सल्वाटोर गिरोने ने फरवरी 2012 में केरल के नजदीक दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उन्होंने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझ कर गोली मार दी थी.
समुद्री कानून पर अंतरराष्ट्रीय अधिकरण के सामने भारत ने अपना पक्ष रखते हुए साफ किया था कि इटली के नौसैनिक जो कहानी सुना रहे है वह विश्वास करने योग्य नहीं है. नौसैनिकों ने बगैर चेतावनी दिए मछुआरों को गोली उनके पेट और सिह में गोली मारी गयी. य चुकि पूरा मामला भारतीय क्षेत्र में घटा है इसलिए यह अनुच्छेद 97 के तहत यह भारत को यह हक होना चाहिए कि यह पूरे मामले की सुनवायी अपने देश में करे. भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायधिकरण से इटली की उस अपील को खारिज करने की अपील की है जिसमें नौसैनिकों को इटली वापस भेजने और मामले की सुनवायी करने की अपील की थी.
संयुक्त राष्ट्र की अधिकार प्राप्त 21 सदस्यीय अदालत ने 15 पक्ष और छह विपक्ष के अनुपात में आदेश जारी किया। यह अदालत जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में स्थित है. इटली के नौसैनिकों पर चले रहे हत्या के मामलों को भारत बहुत गंभीरता से ले रहा है.