स्वास्थ्य सेवाओं को विशेष तव्वजो देने के लिए 184 जिलों की पहचान : नरेंद्र मोदी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यों के बीच असमानता को दूर करने वाली एक समान सेवा मुहैया कराने का वादा करते हुए आज कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले 184 जिलों की पहचान की गयी है जहां अधिक संसाधन प्रदान किये जायेंगे और केंद्रित कार्यक्रमों को लागू किया जायेगा. माता […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यों के बीच असमानता को दूर करने वाली एक समान सेवा मुहैया कराने का वादा करते हुए आज कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले 184 जिलों की पहचान की गयी है जहां अधिक संसाधन प्रदान किये जायेंगे और केंद्रित कार्यक्रमों को लागू किया जायेगा. माता एवं बाल स्वास्थ्य समेत विविध क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत पांच वर्ष से कम आयु वर्ग में मृत्यु दर को कम करने के लिए सह्रस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के करीब पहुंच जायेगा. मोदी ने कहा कि देश को एक ऐसी व्यवस्था को संस्थागत रूप देने की जरुरत है जहां वंचित समुदायों को सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय संरक्षण प्राप्त हो सके क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों से लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारा खास जोर समता स्थापित करने पर है. राज्यों में असमानता से प्रभावितों के लिए पूरे क्षेत्र में समतामूलक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम के तौर पर और स्वास्थ्य परिणामों के तीव्र सुधार के संदर्भ में पूरे देश में खराब प्रदर्शन करने वाले 184 जिलों की पहचान की गयी है.’ मोदी ने कहा कि इन इलाकों में अधिक संसाधन प्रदान किये जाने और केंद्रीत कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने ये बातें ‘ग्लोबल कॉल टू एक्शन’ शिखर सम्मेलन 2015 को संबोधित करते हुए कही जिसमें 24 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य माताओं एवं बच्चों की मौतों को रोकना सुनिश्चित करने की दिशा में देशों के बीच समंजस्य बनाना है. दिसंबर 2015 के वैश्विक लक्ष्य से पहले भारत द्वारा माता एवं शिशुओं में टिटनेस के कारण होने वाली बीमारी को समाप्त करने का जिक्र करते हुए मोदी ने वैश्विक समुदाय के समक्ष प्रौद्योगिकी एवं कार्यक्रम हस्तक्षेप के जरिये रोगों से मुकाबला करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की.