जानिए आपके SMART CITY में क्या होगा खास
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्मार्ट सिटी’ को कैबिनेट की मंजूरी के बाद आज सरकार ने 98 शहरों की सूची जारी की है. यह सूची शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने जारी किया.इस सूची में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के शहरों का नाम सबसे ऊपर है. सरकार की ओर से जारी […]
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्मार्ट सिटी’ को कैबिनेट की मंजूरी के बाद आज सरकार ने 98 शहरों की सूची जारी की है. यह सूची शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने जारी किया.इस सूची में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के शहरों का नाम सबसे ऊपर है. सरकार की ओर से जारी सूची के अनुसार उत्तरप्रदेश के 13 शहर, तमिलनाडु के 12 शहर, महाराष्ट्र के 10 शहर, मध्यप्रदेश के सात शहर, पश्चिम बंगाल के चार शहर, बिहार और आंध्रप्रदेश के तीन शहरों को स्मार्ट बनाने का फैसला लिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना में सरकार प्रारंभिक पांच वर्षों में 45000 से 50000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. जानिए स्मार्ट सिटी के बारे में…
बुनियादी ढ़ांचागत सेवाओं पर ध्यान होगा केंद्रित
स्मार्ट सिटी पहल के तहत प्रमुख बुनियादी ढांचागत सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जिनमें पर्याप्त एवं स्वच्छ जल की आपूर्ति, साफ-सफाई, ठोस कचरे का प्रबंधन, शहरों में आवागमन और सार्वजनिक परिवहन की कारगर व्यवस्था, गरीबों के लिए सस्ते मकान, बिजली की आपूर्ति, सुदृढ़ आइटी कनेक्टिविटी, गवर्नेंस खासकर ई-गवर्नेंस एवं नागरिकों की भागीदारी, नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और टिकाऊ शहरी माहौल शामिल हैं. स्मार्ट सिटी से जुड़ी कार्य योजनाओं को विशेष उद्देश्य वाहन एसपीवी के जरिए क्रियान्वित किया जाएगा. हर शहर के लिए एसपीवी बनाया जाएगा और राज्य सरकारें एसपीवी के लिए संसाधनों का सतत प्रवाह सुनिश्चित करेंगी.
स्मार्ट सिटी और आमरुत मिशन जुड़े हैं एक-दूसरे से
स्मार्ट सिटी परियोजना और शहरी रुंपातरण के लिए अब्ल मिशन (आमरुत) एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. ‘अमरूत’ में परियोजना से जुड़ा रूख अपनाया गया है, ताकि जलापूर्ति, सीवरेज, पानी की निकासी, परिवहन, हरित स्थलों एवं पार्कों के विकास से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें. इसके तहत बच्चों की जरूरतों को पूरा करने का विशेष प्रावधान होगा. इस मिशन के क्रियान्वयन को ई-गवर्नेंस, धनराशि के हस्तांतरण एवं शहरी स्थानीय निकायों के कामकाज, प्रोफेशनल नगरपालिका कैडर, शहरी स्थानीय निकायों की साख रेटिंग जैसे शहरी सुधारों को बढ़ावा देने से जोड़ा जाएगा.
बजट प्रावधान का 10 फीसदी देगी केंद्र सरकार
बजट आवंटन का 10 फीसदी बतौर प्रोत्साहन केंद्र सरकार की ओर से राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा, जो पिछले वर्ष के सुधारों से जुड़ी उपलब्धि पर आधारित होगा. इस मिशन को ऐसे 500 शहरों एवं कस्बों में क्रियान्वित किया जाएगा, जहां की आबादी एक लाख या उससे ज्यादा है. राज्य इस मिशन के तहत चिन्हित शहरों की जरूरतों के आधार पर योजनाएं तैयार कर सकेंगे. यही नहीं, राज्यों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन एवं निगरानी में भी लचीलापन सुलभ होगा. केन्द्र सरकार परियोजनाओं का अलग-अलग आकलन नहीं करेगी, जो जेएनएनयूआरएम की व्यवस्था से अलग हटकर है.
10 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 50 फीसदी अनुदान मिलेगा
10 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 50 फीसदी अनुदान मिलेगा
जिन शहरों की आबादी 10 लाख के आसपास है, उन शहरों और कस्बों को केंद्र सरकार 50 फीसदी तक की सहायता उपलब्ध करायेगी. वहीं, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों एवं कस्बों के लिए परियोजना लागत के एक तिहाई के बराबर केन्द्रीय सहायता दी जाएगी. केन्द्रीय सहायता को 20:40:40 के अनुपात में तीन किस्तों में जारी किया जाएगा, जो राज्यों की वार्षिक कार्य योजनाओं में उल्लेखित लक्ष्यों की प्राप्ति पर आधारित होगी.