भारत ने सुरक्षा परिषद में सुधार, आतंकवाद विरोधी संधि की वकालत की

नयी दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (सीसीआईटी) को अंतिम रुप दिए जाने की जोरदार वकालत करते हुए आज कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से सुरक्षित नहीं रह सकता, खासकर आईएसआईएस के उभरने के बाद. भारत ने वैश्विक निकाय के मनोनीत अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2015 7:09 PM

नयी दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (सीसीआईटी) को अंतिम रुप दिए जाने की जोरदार वकालत करते हुए आज कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से सुरक्षित नहीं रह सकता, खासकर आईएसआईएस के उभरने के बाद. भारत ने वैश्विक निकाय के मनोनीत अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मनोनीत अध्यक्ष मोगेंस लाइकटाफ्ट से मुलाकात के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 70वीं बरसी के मौके पर इसमें सुधार की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें विकासशील राष्ट्रों की बढ़ती भूमिका और मौजूदा भू..राजनीतिक वास्तविकताएं परिलक्षित हो सकें. लाइकटाफ्ट भारत की दो दिनों की यात्रा पर हैं.

भारतीय पक्ष ने सीसीआईटी को जल्द अंतिम रुप दिए जाने की भी जोरदार वकालत की. भारत ने 1996 में इस संधि का प्रस्ताव किया था जिसके तहत आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाना और उनहें सुरक्षित पनाह तथा धन सुलभ कराने से रोकने के लिये देशों को बाध्यकारी बनाना शामिल था.

आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ ईरान एंड सीरिया (आईएसआईएस) का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, कोई भी देश आतंकवाद से सुरक्षित नहीं हो सकता, खासकर आईएसआईएस के उभरने के बाद. यह महत्वपूर्ण है कि इस समस्या से निपटने के लिए एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए. इस संबंध में सुषमा ने उनकी अध्यक्षता में सीसीआईटी को अंतिम रुप देने के लिए ठोस प्रगति के संबंध में भारत की उम्मीदों से भी अवगत कराया.

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