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OROP पर अरुण जेटली ने तोड़ी चुप्‍पी, हर साल पेंशन में संसोधन संभव नहीं

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को लेकर आंदोलनरत पूर्व सैनिकों की मांग को आज एक प्रकार से खारिज करते हुए कहा कि पेंशन में हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता लेकिन साथ ही कहा कि सरकार उच्च पेंशन दरों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को लेकर आंदोलनरत पूर्व सैनिकों की मांग को आज एक प्रकार से खारिज करते हुए कहा कि पेंशन में हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता लेकिन साथ ही कहा कि सरकार उच्च पेंशन दरों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों के हितों की रक्षा करेगी. जेटली ने कहा कि दुनिया में कहीं भी हर साल पेंशन में संशोधन नहीं होता है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ओआरओपी के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन ‘केवल एक मुश्किल है’ और वह है उसका ‘गणितीय जमा घटा’.

उन्होंने कहा, ‘ओआरओपी का मतलब क्या है? इसके लिए मेरा अपना फार्मूला है. किसी और का ओआरओपी पर अपना फार्मूला हो सकता है लेकिन यह तार्किक मापदंडों के अनुरुप होना चाहिए. आप ऐसा ओआरओपी नहीं लागू कर सकते जहां पेंशन हर महीने या हर साल संशोधित होती हो.’ वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द ही आएंगी.

जेटली ने ईटी नाउ से बातचीत में कहा, ‘मैं पैसे को लेकर बेहद सतर्क रहता हूं और इसलिए मेरा काम वास्तव में एक गृहिणी की तरह है जिसे घर में खर्च होने वाले एक एक पैसे का हिसाब किताब रखना पडता है ताकि आप जरुरत से अधिक खर्च न कर दें और उसके बाद उधार मांगें. और यदि आप एक सीमा से अधिक उधार मांगते हैं तो आप वित्तीय अनुशासनहीनता में शामिल होते हैं.’

पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की अपनी मांग को लेकर पिछले 78 दिनों से यहां जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. उनकी मांगों में पेंशन में सालाना संशोधन भी शामिल है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘हम सिद्धांत (ओआरओपी) को स्वीकार करते हैं. हम सिद्धांत को लागू करेंगे लेकिन ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए जहां समाज के अन्य वर्ग भी इसी प्रकार की मांगें रखना शुरू कर दें.’

हालांकि उन्होंने कहा, ‘हम 35 से 38 साल की उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की सुरक्षा करना चाहेंगे और समाज को भी उनकी रक्षा करनी चाहिए. इसलिए एक विशेष फार्मूले पर उच्च पेंशन समझ में आती है लेकिन इसमें हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीतिक विचार प्रक्रिया जो तार्किक तरीके से सोचती है वह केवल भावनाओं के आधार पर ‘अतार्किक रियायत’ नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कदम से अन्य वर्गो के लिए एक रवायत हो जाएगी और वे इसी प्रकार के लाभों की मांग कर सकते हैं. जेटली ने कहा, ‘क्या बीएसएफ इसे कर सकता है? क्या सीआरपीएफ ऐसा कर सकता है? जाहिर सी बात है कि विवेकवान भारत कहेगा कि यह सही कदम नहीं है. आप कोई ऐसा कदम नहीं उठा सकते जिसका खामियाजा आने वाली पीढियों को भुगतना पडे. इसलिए तार्किक आधार पर निश्चित रूप से हम ओआरओपी को लागू करने में सक्षम होंगे.’

राम जेठमलानी ने आज ही जेटली को कहा था ‘देश का दुश्‍मन’

चर्चित वकील व भाजपा के पूर्व नेता राम जेठमलानी आज सुबह वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे और वहां धरना दे रहे पूर्व सैनिकों की मांगों का समर्थन करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे उनसे जुडे सपनों को लेकर निराश कर दिया. उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तमंत्री आपके और देश के दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री मेरे खिलाफ अदालत भी जा सकते हैं.

ध्यान रहे कि भाजपा में सत्ता में आने से पूर्व जेठमलानी नरेंद्र मोदी और मौजूदा वित्तमंत्री अरुण जेटली के प्रशंसक रहे हैं. राम जेठमलानी ने आज यहां कहा कि मैं भाजपा का संस्थापक रहा हूं, लेकिन भाजपा से निकाला गया हूं. उन्होंने कहा कि देश के साथ मेरी जो वफादारी है, वह कम नहीं हो सकती है. उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहने में शर्मिंदगी हो रही है कि मैं राजनीतिज्ञ हूं. पर, मैं वैसा राजनीतिज्ञ नहीं हूं, जो अपने देश, अपने लोगों व अपने मित्रों को भूल जाये.

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