भूमि अध्यादेश समाप्त होना सरकार के लिए झटका नहीं : जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को समाप्त होने देने का फैसला सरकार के लिए झटका नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र ने जो वैकल्पिक मार्ग चुना है, उससे राज्यों के लिए इस मुद्दे से निपटने की एक अधिक लचीली व्यवस्था प्राप्त होगी. प्रधानमंत्री […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को समाप्त होने देने का फैसला सरकार के लिए झटका नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र ने जो वैकल्पिक मार्ग चुना है, उससे राज्यों के लिए इस मुद्दे से निपटने की एक अधिक लचीली व्यवस्था प्राप्त होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा था कि सरकार विवादास्पद भूमि अध्यादेश विधेयक को फिर जारी नहीं करेगी. इस अध्यादेश की अवधि आज समाप्त हो रही है. मोदी ने राज्यसभा में लंबित इस विधेयक में कोई भी सुझाव शामिल करने की इच्छा जताई थी.
जेटली ने कहा, ‘‘मैं इसे झटका नहीं कहूंगा. यह राजनीतिक गतिरोध और ट्रैफिक जाम में फंसा रहे. हमने वैकल्पिक मार्ग चुना है, जिसकी राजनीतिक कीमत कम होगी. इससे राज्यों के लिए अधिक लचीलापन की सुविधा मिलेगा. ऐसे राज्य जो इसका लाभ चाहते हैं उन्हें इसका लाभ मिल पाएगा.’’
इससे पहले इसी सप्ताह सरकार ने आदेश जारी राष्ट्रीय राजमार्ग ओर रेलवे कानून जैसे 13 केंद्रीय कानूनों को इसमें शामिल करने का फैसला किया था, जिससे उनको लाभ मिल सके जिनकी भूमि का इस कानून के तहत अधिग्रहण होगा.ईटी नाउ से बातचीत में जेटली ने कहा कि संसद में गतिरोध जारी रहने के बजाय अच्छा होगा कि सरकार वैकल्पिक रास्ता चुने. इससे राज्य अपनी जरुरत के हिसाब से भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव कर पाएंगे.
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पर सवाल पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस पर अपने रख को लेकर सुनिश्चित नहीं है. विपक्षी दल ने यह विधेयक आगे बढाया था और आज वे ही इसके रास्ते में अडचन पैदा कर रहे हैं. जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में यह विधेयक अटका हुआ है, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है.