मुंबई : शीना बोरा मर्डर मिस्ट्री की जितनी परतें खुल रही हैं यह केस और उलझता जा रहा है .साथ ही शीना की हत्या के आरोप में गिरफ्तार उसकी मां इंद्राणी के व्यक्तित्व के कई ऐसे राज सामने आ रहे हैं, जो चौंकाने वाले हैं. अब यह सच सामने आ रहा है कि शीना बोरा के शव को इंद्राणी मुखर्जी ने अपने बगल में कार की पिछली सीट में इस तरह रखा था, जैसे वह बैठी हुई हो. शव के अगल-बगल में इंद्राणी और उसका दूसरा पति संजीव खन्ना बैठा हुआ था. हत्या के दूसरे दिन शव को इसी तरीके से ठिकाने लगाने के लिए रायगढ़ ले जाया गया था. शव को इस तरह से रखा गया था, मानो कार की पिछली सीट पर तीन लोग बैठे हों.
24 अप्रैल को शीना की गला दबाकर हत्या की गयी और उसके शव को इंद्राणी के वर्ली सि्थत आवास के गैराज में रखा गया था. उसके बाद अगले दिन शव को रायगढ़ ले जाया गया. शीना के शव को सूटकेस में बंद तब किया गया, जब इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना शव को लेकर रायगढ़ के जंगल में पहुंच गये थे. उनके साथ ड्राइवर श्यामवर राय भी था. पुलिस सूत्रों के अनुसार इंद्राणी की योजना यह थी कि गाड़ी नाकाबंदी से निकल जाये. अगर पुलिस उनकी गाड़ी को रोकती भी है, तो वे यह कह देंगे कि शीना बोरा सो रही है. चूंकि वे रायगढ़ के लिए अहले सुबह निकले थे, इसलिए पुलिस को शक भी नहीं होता.
पोस्टमार्टम एक्सपर्ट का मानना है कि मौत के तुरंत बाद बॉडी सॉफ्ट रहती है अत: उसे बैठी हुई सि्थति में रखना आसान है. लेकिनधीरे-धीरे बॉडी अकड़ जाती है और उसे मोड़ना कठिन हो जाता है. यही कारण था कि शीना की हत्या के तीनों आरोपियों ने उसके शव को बेतरतीब तरीके से सूटकेस में बंद किया और उसपर पेट्रोल डालकर जला दिया गया.
रायगढ़ के जंगल में पहुंचने के बाद इंद्राणी, संजीव और ड्राइवर ने शीना के शव को गड्डे में डाल दिया. ज्वाइंड कमीशनर देवेन भारती ने बताया कि इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना यह चाहते थे कि मिखाइल बोरा की हत्या भी कर दी जाये, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाये.
वहीं आज इस मर्डर मिस्ट्री में एक और खुलासा तब हुआ, जब उसके पहले पति या यूं कहें कि लिव इन पार्टनर सिद्धार्थ दास मीडिया के सामने आये. दास ने मीडिया को बताया कि शीना उसकी बेटी थी और वे पुलिस को हर तरह का सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने बताया कि इंद्राणी को पैसों से प्रेम था और वह हाई सोसाइटी में रहना चाहती थी, जिसके कारण इन दोनों का अलगाव हुआ. सिद्धार्थ बोरा ने कहा कि उन्हें जांच के दौरान डीएनए टेस्ट करवाने से कोई गुरेज नहीं है.