सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, जल्द से जल्द यूरो-छह मानक अपनाएं कार कंपनी

नयी दिल्ली: सरकार ने संकेत दिया है कि वह कडे उत्सजर्न नियमों के अनुपालन के समय को और बढाने के पक्ष में नहीं है. सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज वाहन उद्योग से कहा कि उन्हें यूरो-छह मानक जल्द से जल्द अपनाने चाहिए. गडकरी का यह निर्देश ऐसे समय आया है जबकि वाहन विनिर्माताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2015 3:25 PM

नयी दिल्ली: सरकार ने संकेत दिया है कि वह कडे उत्सजर्न नियमों के अनुपालन के समय को और बढाने के पक्ष में नहीं है. सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज वाहन उद्योग से कहा कि उन्हें यूरो-छह मानक जल्द से जल्द अपनाने चाहिए. गडकरी का यह निर्देश ऐसे समय आया है जबकि वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सरकार से यूरो पांच और यूरो छह मानकों को पूरा करने के और समय मांगा है.

सियाम का कहना है कि पर्याप्त समय नहीं मिलने पर देश में पर्याप्त पुष्टि के बिना ही नई प्रौद्योगिकी के वाहनों के सडक पर आने का जोखिम है. गडकरी ने आज यहां सियाम के सालाना सम्मेलन में कहा, ‘‘वाहन विनिर्माताओं ने यूरो पांच और छह नियमों के अनुपालन के लिए समय मांगा है. प्रदूषण गंभीर समस्या है. आप इसे ज्यादा देर नहीं टाल सकते हैं.
नए प्रौद्योगिकी को जल्द से जल्द अपनाएं और यूरो-छह तक पहुंचे. यूरो-पांच को छोड दें.” मंत्री ने वाहन कंपनियों को आगाह करते हुए कहा कि उद्योग संगठन और समय की मांग करेगा, लेकिन हरित अधिकरण किसी तक को सुनने को तैयार नहीं है, क्योंकि यह समस्या काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि भारतीय सडकों पर वाहनों की संख्या 18 करोड है. इससे प्रदूषण की समस्या की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
गडकरी ने कहा कि वाहनों की संख्या बढती जा रही है जबकि सडक ढांचा सीमित है. यही वजह है कि सरकार मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है. गडकारी ने कहा कि स्वच्छ ईंधन का मतलब है कि कम प्रदूषण. इससे भारत के भारी भरकम तेल आयात बिल में कमी लाने में मदद मिलेगी, जो 8 लाख करोड रपये सालाना है. इससे पहले सियाम ने आगाह किया कि सीधे भारत चरण छह में जाने और पांच को छोडने का मतलब सुरक्षा से समझौता करना होगा और इससे यात्रियों का जिंदगी खतरे में पडेगी.

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