नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, भारत में शामिल होना चाहते हैं POK कई परिवार
नयी दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि अब पाकिस्तान पर भी असर डालने लगी है. जम्मू कश्मीर में नरेंद्र मोदी विकास की कोशिश कर रहे हैं. इसी का असर है कि पाक अधिकृत कश्मीर में भी अब नरेंद्र मोदी के सुशासन की तारीफ होने लगी है. यही कारण है कि वहां के […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 2, 2015 6:26 PM
नयी दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि अब पाकिस्तान पर भी असर डालने लगी है. जम्मू कश्मीर में नरेंद्र मोदी विकास की कोशिश कर रहे हैं. इसी का असर है कि पाक अधिकृत कश्मीर में भी अब नरेंद्र मोदी के सुशासन की तारीफ होने लगी है. यही कारण है कि वहां के कई परिवार भारत में शामिल होना चाहते हैं. वह चाहते है कि भारत में शामिल हो ताकि यहां हो रहे विकास का लाभ उन्हें भी मिले.
अंजुमन मिनहास-ए-रसूल के चैयरमेन मौलाना सैयद अथर देहलवी ने प्रधानमंत्री द्वारा किये गये काम की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत मोदी के शासनकाल में बहुत खुश है और यहां के लोग भी यह देखकर खुश है कि भारत विकास के रास्ते पर जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यहां के लोग इतना भरोसा करते हैं कि 99 फीसदी लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं.
जम्मू कश्मीर में जब बाढ़ के कारण दोनों तरफ ( भारत- पाकिस्तान) के हालात बेहद खराब थे. कई घर पानी में बह गये थे तो भारतीय फौज ने भी हमारी मदद की थी. हम आज तक उनके द्वारा की गयी मदद को नहीं भूल पाये. उस वक्त भारतीय फौज हमारे यहां देवदूत बनकर आये थे. प्रधानमंत्री के द्वारा त्वरित लिएगये फैसले और जम्मू कश्मीर को मिली सैन्य और आर्थिक मदद के कारण ही उस बाढ़ के कहर से लोग जल्दी उबर गये. इन क्षेत्रों में भारत के शासन और नरेंद्र मोदी को पसंद करने का एक कारण यह है कि 2015 और 2014 में आयी प्रकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार के तरफ से की गयी मदद के कारण यहां रहने वाले लोग नरेंद्र मोदी के मुरीद है. यही कारण है कि पीओके के लोग भारत की तरफ एक सकारात्मक नजरिये से देख रहे हैं.
पीओके के ज्यादातर लोग मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देखने का नजरिया दूसरों से बेहतर है . उनके शासन में जम्मू कश्मीर विकास कर रहा है. मौलाना ने यहां तक कहा कि इस विकास और सुशासन को देखकर यहां के ज्यादातर परिवार पाकिस्तान से नाता तोड़कर हिंदुस्तान से मिल जाना चाहते हैं. इन इलाकों में पाकिस्तान सरकार को लेकर नाराजगी भी समय समय पर नजर आयी है 7 सितंबर 2014 को जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन इलाकों का दौरा करने गये थे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.
पाकिस्तान इन इलाकों के विकास की तरफ कम ध्यान देता है यहां आयी प्रकृतिक आपदा के बाद पाकिस्तान ने मदद का हाथ भी उस तरह नहीं बढ़ाया जैसा कि भारत ने इन इलाकों की तरफ बढ़ाया था. नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में आयी बाढ़ के बाद तुरंत अपना हाथ मदद के लिए इन इलाकों की तरफ बढ़ाया और पाकिस्तान से अपील भी की अगर उनके इलाकों में भी मदद की जरूरत पड़े तो भारत तैयार है. हालांकि मदद के लिए बढ़ाये गये हाथ को पाकिस्तान ने अलग रंग दे दिया था और मदद लेने से इनकार कर दिया था.