एनजीओ ग्रीनपीस का पंजीकरण रद्द, अब नहीं मिलेगा विदेशी फंड
नयी दिल्ली : गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस के खिलाफ भारत सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकर रद्द कर दिया है. ग्रीनपीस का पंजीकरण विदेशी अंशदान विनियमन कानून ‘एफसीआरए’ के तहत किया गया है. भारत सरकार के इस कदम से इन एनजीओ को विदेश से मिलने वाले चंदे पर लगाम लग जायेगा. इसी मदद […]
नयी दिल्ली : गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस के खिलाफ भारत सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकर रद्द कर दिया है. ग्रीनपीस का पंजीकरण विदेशी अंशदान विनियमन कानून ‘एफसीआरए’ के तहत किया गया है. भारत सरकार के इस कदम से इन एनजीओ को विदेश से मिलने वाले चंदे पर लगाम लग जायेगा. इसी मदद के दमपर यह संस्था कथित तौर पर देश की आर्थिक प्रगति के खिलाफ कार्य करती रही है.
दूसरी तरफ ग्रीनपीस ने कहा है कि भारत सरकार के इस कदम के बाद भी ग्रीनपीस अपना काम करती रहेगी. इस एनजीओ विदेश से धनराशि प्राप्त नहीं कर सकेगा जो उसके समग्र संचालन व्यय का करीब 30 प्रतिशत है. ग्रीनपीस इंडिया में करीब 340 लोग कार्यरत हैं.गृह मंत्रालय का यह निर्णय ग्रीनपीस इंडिया का एफसीआरए के तहत उसका लाइसेंस 180 दिन के लिए निलंबित करने के उसके कदम के पांच महीने बाद आया है. मंत्रालय ने इसके साथ ही यह आरोप लगाते हुए उसके सात बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी थी कि समूह देश की आर्थिक प्रगति और जनता के हितों के खिलाफ काम कर रहाहै.
सरकार ने आरोप लगाया था कि एनजीओ ने संबंधित अधिकारियों को सूचित किये बिना अपना विदेशी दान प्राप्त करने के लिए पांच खाते खोलकर नियमों का उल्लंघन किया. सरकार ने एफसीआरए के तहत पंजीकरण स्थगित करते हुए यह भी कहा था कि एनजीओ ने अपने विदेशी अंशदानों के बारे में बार बार कम और गलत राशि का उल्लेख किया. ग्रीनपीस ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा,इस तरह का अभियान इसलिए किया जाता है ताकि इस संस्था को चुप कराया जा सके लेकिन इससे ग्रीनपीस विचलित नहीं होगा.