बच्चों पर अपनी इच्छाएं न थोपे माता-पिता: पीएम मोदी

नयी दिल्ली: बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए, इससे बच्चों को सफलता नहीं मिलती. दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में उपस्थित बच्चों और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के विभन्न क्षेत्रों के बच्चों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2015 5:19 PM

नयी दिल्ली: बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए, इससे बच्चों को सफलता नहीं मिलती.

दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में उपस्थित बच्चों और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के विभन्न क्षेत्रों के बच्चों से रुबरु होते हुए मोदी ने नेतृत्व क्षमता, अच्छे वक्ता बनने, देश की सेवा समेत विविध विषयों पर खुलकर बातचीत की.
प्रधानमंत्री ने कहा, माता पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं. यह ठीक नहीं है. और यही सबसे बडी कठिनाई है. मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं को नहीं जानते. थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती.
अच्छे शिक्षकों की कमी के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि आज भी देश में अच्छे शिक्षक हैं और यह आज के बच्चों को देखकर उन्हें महसूस हो रहा है.प्रधानमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता। शिक्षक का पेशा अन्य व्यवसाय से अलग है. हमें रोबोट नहीं बनना चाहिए बल्कि संवेदनशील होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कई बार लोग आश्चर्य व्यक्त करते हैं कि शिक्षक दिवस पर बच्चों के साथ समय क्यों खर्च किया जाए. ऐसा इसलिए कि विद्यार्थी, शिक्षकों की पहचान होते हैं.
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद वे बच्चों को पढाने लगे और जीवन की अंतिम सांस तक उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि स्कूल से सभी को चरित्र प्रमाणपत्र मिलता है. मैंने कहा है कि चरित्र प्रमाणपत्र के बजाय अर्भिरुचि प्रमाणपत्र दिया जाए.

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