OROP : पूर्व सैनिकों का धरना आज भी जारी कहा, मोदी सरकार ने दिया धोखा

नयी दिल्ली :नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को पूर्व सैनिकों को बड़ा तोहफा देते हुए वन रैंक वन पेंशन लागू करने का ऐलान किया. इसके बावजूद आज जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों का धरना जारी है. पूर्व सैनिक सरकार की ओर से की गई घोषणा से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. एक पूर्व सैनिक ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2015 8:08 AM

नयी दिल्ली :नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को पूर्व सैनिकों को बड़ा तोहफा देते हुए वन रैंक वन पेंशन लागू करने का ऐलान किया. इसके बावजूद आज जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों का धरना जारी है. पूर्व सैनिक सरकार की ओर से की गई घोषणा से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. एक पूर्व सैनिक ने धरना स्थल पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हमारे साथ बहुत धोखा किया है. पहले कुछ और बोला और अब कुछ और कर दिया.

इससे पहलेनरेंद्र मोदी सरकार ने लगभग 42 साल से चली आ रही वन रैंक, वन पेंशन यानी ओआरओपी की मांग को शनिवार को स्वीकार कर लिया. इधर, बीते 84 दिनों से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने सरकार के इस एलान को खारिज कर दिया और एलान किया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. इस बीच सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों से कहा कि अपना आंदोलन खत्म कर दें क्योंकि उनकी मांग स्वीकार कर ली गयी है. तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों के नेताओं ने शनिवार की रात रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ बैठक की.

आंदोलनकारी पूर्व सैन्यकर्मियों के नेता मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैन्यकर्मी ओआरओपी के क्रियान्वयन को लेकर सरकार के इरादे से संतुष्ट हैं, लेकिन स्पष्ट किया है कि लाभ के प्रस्तावित प्रावधान उनको स्वीकार्य नहीं हैं. हालांकि देर रात पर्रिकर के साथ मुलाकात के बाद सतबीर सिंह ने कहा कि कोर कमिटी की बैठक के बाद आंदोलन को जारी रखने के बारे में फैसला किया जायेगा. रक्षा मंत्री ने पुष्टि की है कि रक्षा सेवाओं में कोई वीआरएस नहीं है. इसलिए ओआरओपी पीएमआर यानी समयपूर्व सेवानिवृत्ति में लागू होगा. प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के बाद आधिकारिक नोट एक या दो दिनों में दिया जायेगा. हमें उसका इंतजार है. माना जा रहा है कि सरकार समयपूर्व सेवानिवृत्ति लेने वालों को लेकर अपनी व्यावहारिकता पर स्पष्टीकरण के साथ सामने आ सकती है.

इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एलान किया सरकार ने ओआरओपी के क्रियान्वयन का फैसला किया है जिसके तहत हर पांच साल पर पेंशन में संशोधन किया जायेगा. ओआरओपी के आकलन के लिए साल 2013 बेस ईयर होगा. स्पष्ट किया कि स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेनेवाले पूर्व सैन्यकर्मी इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे.

पर्रिकर ने कहा, ओआरओपी के क्रियान्वयन के विवरण पर काम करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन करेगी जो छह महीने में रिपोर्ट देगी. रक्षा मंत्री ने कहा, ओआरओपी जटिल मुद्दा है. विभिन्न समय में और विभिन्न रैंक से सेवानिवृत्त हुए लोगों के हितों की पूरी पड़ताल करने की जरूरत है. तीन सैन्य बलों की अंतर-सेवा के मुद्दे पर विचार की जरूरत है. यह सिर्फ प्रशासनिक मामला नहीं हैं. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार एक महीने के भीतर ओआरओपी पर एक विस्तृत आदेश के साथ आयेगी. सरकार ने विशेषज्ञों के साथ गहन विचार-विमर्श किया है. इस बीच पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर इसमें कोई कमी है तो सरकार उस पर गौर कर सकती है.

कुछ मुख्‍य बिंदू

हर पांच साल पर पेंशन की समीक्षा की जायेगी

एक जुलाई 2014 से लागू होगी

बेस इयर 2013. उस साल मिलने वाली पेंशन के एवरेज पर नयी पेंशन होगी काउंट

एरियर चार छमाही किस्तों में दिया जायेगा

युद्ध विधवाओं को एकमुश्त एरियर भुगतान होगा

इसमें वीआरएस लेने वाले सैनिक शामिल नहीं

सरकारी खजाने पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का भार

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