पोखरण के बाद परमाणु ब्लैकमेल का कोई खतरा नहीं : एनएसए
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा कि भारत ने 70 और 90 के दशक में परमाणु नीति पर धमकियों का सामना किया लेकिन 1998 के पोखरण परीक्षण के बाद उसे किसी ‘परमाणु ब्लैकमेल’ का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि 70, 80 और 90 के दशक के दौरान हमने परमाणु नीति […]
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा कि भारत ने 70 और 90 के दशक में परमाणु नीति पर धमकियों का सामना किया लेकिन 1998 के पोखरण परीक्षण के बाद उसे किसी ‘परमाणु ब्लैकमेल’ का सामना नहीं करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि 70, 80 और 90 के दशक के दौरान हमने परमाणु नीति पर स्पष्ट और परोक्ष धमकियों का कई मौकों पर सामना किया जिसका मकसद हमारी परमाणु नीति में बदलाव कराना था.
मेनन ने कहा, ‘‘सौभाग्य से, उस समय के हमारे नेता दृढ़ इच्छा शक्ति वाले थे और उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया. हमने 1998 में अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण किया और इसकी घोषणा की पर हमने परमाणु ब्लैकमेल के किसी खतरे का सामना नहीं किया.’’ मेनन सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर दे रहे थे जिसका आयोजन यहां ऑल इंडिया रेडियो ने किया था.गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था.