प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, तकनीक से गुड गवर्नेंस में मदद मिलेगी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पेस टेनोलॉजी की बैठक में पहुंचे. यहां उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ अपने विचार साझा कियेऔर उनको संबोधित करते हुए अंतरिक्ष जगत में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने अपनी जगह बनायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2015 5:55 PM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पेस टेनोलॉजी की बैठक में पहुंचे. यहां उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ अपने विचार साझा कियेऔर उनको संबोधित करते हुए अंतरिक्ष जगत में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने अपनी जगह बनायी है.
हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसी सफलता हासिल की है, जिस पर भारत के लोग गर्व कर सकें. जब से भारत ने स्पेश साइंस में पैर रखा तब से एक विवाद से चल रहा है कि भारत जैसे गरीब देश को इन चक्करों में पड़ना चाहिए. डॉ विक्रमसारा भाई ने इस पर अपनी बात रखी थी. हम स्पर्धा के लिए नहीं जाते लेकिन हम हमारे प्रयासों में कम नहीं पड़ने चाहिए. विक्रम साराभाई ने उस वक्त जो सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है. सारा विभाग चल पड़ा है.
हमारे वैज्ञानिकों को काम दिया गया कि वह तीन चार महीनों में परिणाम लेकर आ गये. स्पेस के माध्यम से कई समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. रेलवे जैसी सुविधा में भी इसका लाभ लिया जा सकता है. मेरा सुझाव है कि आप एक टीम बनाइये जो इस पर विचार करे कि हम क्या कर सकते हैं. मैं मानता हूं कि इतिहास में यह पहली घटना होगी जब केंद्र और राज्य के कई अधिकारी एक ही विषय पर चर्चा हो यह पहला कार्यक्रम हुआ हो.
तकनीक का सार्वाधिक लाभ कम से कम खर्च में हो सके. उतनी सरलता में गरीब से गरीब लोगों को पहुंचे कैसे ये हमारी चुनौती है. हम मान लें कि 6 महीने में नया कुछ ना करें, लेकिन अबतक जो हमारे पास जो तकनीक है उसे कैसे इस्तेमाल करके बेहतर करें जैसे हमारा पोस्टल विभाग इतना बड़ा नेटवर्क है उसका कितना बेहतर इस्तेमाल हो सके हर आम व्यक्ति का पोस्टऑफिस जाता ही है. आज भी आम लोगों को पोस्टऑफिस पर बहुत भरोसा होता है.
विश्वास के साथ टेक्नोलॉजी का जुड़ना बहुत बड़ा परिणाम दे सकता है. हमने एक छोटा कार्यक्रम गुजरात में शुरू किया कि मछुआरों को फोन पर सैटेलाइट के जरिये बताया जाए कि कहां ज्यादा मछली है. पहले वो घंटों इधर उधर होते थे और थक कर वापस आते थे इस तकनीक से उन्हें मदद मिली. हम तकनीक के जरिये कई काम कर सकते हैं मान लीजिए कि एक साधारण आदिवासी किसी जमीन पर क्लेम करता कि वह उसकी है लेकिन गांव वाले कह रहे हैं कि नहीं उसका नहीं है लेकिन सेटेलाइट के जरिये हम जान सकते हैं कि इस जमीन पर कब से खेती हो रही है जंगल कब से था उस पर खेती कब शुरू हुई.
आप विद्यार्थियों के लिए इन चीजों को छोड़ दीजिए उनसे पूछिए कि हम तकनीक की मदद से क्या क्या कर सकते हैं. हमारे देश में गरीब से गरीब व्यक्ति भी कुछ नया करने की ताकत रखता है. साधारण व्यक्ति का दिमाग बहुत तेज काम करता है. मुझे किसी ने बताया कि एक व्यक्ति ने गोबर गैस के इस्तेमाल के लिए तकनीक बनायी. गैस जब ज्यादा होने लगी तो वह टैक्टर की ड्यूब परगोबरभरके खेत पर ले जाता था और डीजल इंजन का इस्तेमाल करके खेत में पानी डालता था. सामान्य व्यक्ति की आवश्यकता पर ध्यान देना होगा. हमें अपनी शिक्षा की व्यवस्था में सुधार लाना है. हमें कई लोग कहेंगे की जहां बिजली नहीं है वहां आप कैसे करेंगे लेकिन इसके लिए कई रास्ते हैं.
तकनीक गुड गर्वनेंस में अहम भूमिका निभा सकता है. दशरथ मांझी इतने फेमस हो गये. दशरथ मांझी ने सीधा दिमाग लगाया कि यहां से सीधे जाने पर सिर्फ दो किलोमीटर पर शहर पहुंचेंगे आज तकनीक मजबूत है इतनी मेहनत भी नहीं करनी पड़े. हम हाइवे के अतिक्रमण को लेकर चिंतित रहते हैं. वाइल्ड लाइफ को लेकर भी कई सवाल आसानी से सुलझ सकते हैं. तकनीक का उपयोग बहुत तरह से हो सकता है. हमारे पास बंजर भूमि अधिक मात्रा है एक एक इंच का उपयोग कैसे हो इस पर तकनीक मदद कर सकती है. हमारे पास रोड टैक्स और खुदाई को लेकर भी इस पर नजर रख सकते हैं यह तकनीक के माध्यम से ही संभव है.
हमारा दायित्व बनता है कि हम इसे सहज रूप से कैसे लागू करें. जो विभाग इस पर काम करेगा उसे और आसानी होगी लेकिन कई लोग यह कहेंगे कि छोड़ो यार मैं दो महीने में रिटायर्ड हो रहा हूं तुम लोग करना ऐसे लोग रिटायर्ड होने के बाद भी जीवन का मजा नहीं ले पाते सबको तकनीक से जुड़कर काम करना होगा. एक-एक विभाग अगर छोटा काम करे की सैटेलाइट से हम यह मदद ले सकतेहैं. राज्यों से आग्रह है कि वो भी इस तरह का आयोजनकरें और प्लान बनायें. इन चीजों को सिर्फ सरकार तक नहीं नीचे तक भी ले जाना है. गांव के प्रधान को भी इससे परिचित कराना चाहिए. गुड गर्वनेंस कीशुरुआतसही प्लानिंग से होती है. समय सीमा हो और काम करने की क्षमता हो तो सब हासिल किया जा सकता है.

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