ईयू जनमत संग्रह के नियमों पर कैमरन को मिली करारी शिकस्त

लंदन: यूरोपीय संघ की सदस्यता के मुद्दे पर ब्रिटेन के जनमत संग्रह को संचालित करने वाले नियमों को बदलने में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को संसद में करारी शिकस्त मिली है. ब्रिटिश सांसदों ने यूरोपीय संघ (ईयू) जनमत संग्रह विधेयक के पक्ष में मतदान किया जिसने 2017 के अंत तक ब्रिटेन की ईयू सदस्यता बनाए रखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2015 9:07 PM

लंदन: यूरोपीय संघ की सदस्यता के मुद्दे पर ब्रिटेन के जनमत संग्रह को संचालित करने वाले नियमों को बदलने में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को संसद में करारी शिकस्त मिली है.

ब्रिटिश सांसदों ने यूरोपीय संघ (ईयू) जनमत संग्रह विधेयक के पक्ष में मतदान किया जिसने 2017 के अंत तक ब्रिटेन की ईयू सदस्यता बनाए रखने या नहीं रखने के लिए एक जनमत संग्रह का मार्ग प्रशस्त किया है. हाउस ऑफ कामंस में कैमरन सरकार की यह पहली बडी शिकस्त है जो प्रधानमंत्री के अपनी ही पार्टी के अंदर इस मामले में बागियों को नियंत्रित करने सकने में उनकी नाकामी दर्शाती है.
सरकार चाहती थी कि जनमत संग्रह का मार्ग प्रशस्त करने वाले नियम पुरदा हट जाए.गौरतलब है कि पुरदा काफी समय से लंबित ब्रिटिश कंवेंशन है जिसके तहत सरकार आम चुनाव या अन्य चुनाव से 28 दिन पहले कोई बड़ी घोषणा करने से दूर रहती है ताकि उनके नतीजे प्रभावित नहीं हो सके.कैमरन इन नियमों को बदलना चाहते हैं लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी इस कदम को रोकने के लिए कैमरन के टोरी सांसदों का साथ दे रहे हैं. इस मुद्दे पर हुए मतदान में सरकार को 27 वोट से शिकस्त मिली.

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