हर रोज औसतन आठ लोग मुंबई के लोकल ट्रेन से मरते है: RTI

मुंबई: मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनों से गिरकर या इनकी पटरियों को पार करने के दौरान पिछले 10 सालों में 29,278 लोग मारे जा चुके हैं. इस आंकडे के मुताबिक 2005 से 2014 के बीच औसतन आठ मौतें प्रतिदिन हुई हैं. सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2015 9:05 PM

मुंबई: मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेनों से गिरकर या इनकी पटरियों को पार करने के दौरान पिछले 10 सालों में 29,278 लोग मारे जा चुके हैं. इस आंकडे के मुताबिक 2005 से 2014 के बीच औसतन आठ मौतें प्रतिदिन हुई हैं.

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी पर मिले जवाब से खुलासा हुआ कि इन हादसों में कुल 29,278 लोग मारे गए, जिसमें 6989 लोगों की मौत लोकल ट्रेनों से गिरकर हुई. गौरतलब है कि लोकल ट्रेनों में अत्यधिक भीड होती है. आरटीआई कार्यकर्ता अनीस खान की ओर से दायर एक आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब से यह खुलासा हुआ है. अनीस को मुंबई की राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) से यह जवाब प्राप्त हुआ. प्राप्त सूचना के मुताबिक, पटरियों को पार करते वक्त 22,289 लोग मारे गए.
अनीस ने बताया कि आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के मुताबिक, पिछले 10 साल में (मुंबई आयुक्तालय में पश्चिमी, मध्य एवं हार्बर उप-नगरीय सेवा) उप-नगरीय ट्रेनों से 25,722 यात्री गिरे जिसमें 6,989 यात्रियों की मौत हुई जबकि 18,733 यात्रियों की जान बच गई.
उन्होंने बताया कि 2005 में कुल 494 यात्रियों की मौत लोकल ट्रेनों से गिरने के कारण हुई. यह आंकडा आने वाले सालों में बढा और 2013 में 901 तक पहुंच गया. हालांकि, 2014 में ट्रेन से गिरकर मरने वालों की संख्या में थोडी कमी आई. 2014 में 797 लोग उप-नगरीय ट्रेनों से गिरकर मरे थे. खान ने कहा कि रेल प्रशासन लोगों को सुरक्षित एवं सहज यात्रा मुहैया कराने में पूरी तरह नाकाम रहा है.

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