19 अक्तूबर को खोयी-खोयी दिखेगी चांदनी
इंदौर : सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ की विशेष स्थिति 19 अक्तूबर को उपच्छाया चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा दिखायेगी. इस खगोलीय घटना के वक्त शरद पूर्णिमा का ढलता चंद्रमा पूरा तो नजर आयेगा, लेकिन उसकी तेज चमक कुछ देर के लिये खो जायेगी और इस दौरान पृथ्वी का उपग्रह धुंधला दिखायी देगा. उज्जैन की […]
इंदौर : सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ की विशेष स्थिति 19 अक्तूबर को उपच्छाया चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा दिखायेगी. इस खगोलीय घटना के वक्त शरद पूर्णिमा का ढलता चंद्रमा पूरा तो नजर आयेगा, लेकिन उसकी तेज चमक कुछ देर के लिये खो जायेगी और इस दौरान पृथ्वी का उपग्रह धुंधला दिखायी देगा.
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि भारतीय मानक समय के मुताबिक उपच्छाया चंद्रग्रहण की शुरुआत 19 अक्तूबर को तड़के 03:18 बजे होगी और यह इस तारीख की सुबह 07:22 बजे समाप्त हो जायेगा. इस तरह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की दिलचस्प भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम करीब चार घंटे तक चलेगा.दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने अपनी गणना के हवाले से बताया कि उपच्छाया चंद्रग्रहण 19 अक्तूबर की सुबह 05:20 बजे अपनी चरम स्थिति पर पहुंचेगा, जब चंद्रमा, पृथ्वी की परछाई वाले हिस्से से होकर गुजरेगा.
गुप्ता ने कहा कि पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे चंद्रमा के प्रकाश की तीव्रता इस वक्त कम हो जायेगी और इसमें हल्कीसी लालिमा भी दिखायी देगी. इस नजारे को भारत में निहारा जा सकेगा. हालांकि, जब यह खगोलीय घटना खत्म होगी, देश में पौ फट चुकी होगी.उन्होंने बताया कि उपच्छाया चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा (ग्रहण के वक्त धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है. इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक रुप से कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रुप में देखा जा सकता है. वेधशाला अधीक्षक ने बताया कि तीन नवंबर को इस साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. यह वर्ष का आखिरी ग्रहण भी होगा, जो भारत में नहीं दिखेगा.