2002 का गुजरात मंगलराज था क्या : नीतीश कुमार

नयी दिल्ली/पटना : बिहार चुनाव अपने चरम पर है इसको लेकर सभी पार्टियां जनता के सामने अपना-अपना पक्ष रख रहीं हैं. ऐसे में आज एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मुख्‍य प्रतिद्वंद्वी एनडीए के सवालों का जवाब दिया और कहा कि लालू प्रसाद यादव को साथ लाना उनकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2015 1:16 PM

नयी दिल्ली/पटना : बिहार चुनाव अपने चरम पर है इसको लेकर सभी पार्टियां जनता के सामने अपना-अपना पक्ष रख रहीं हैं. ऐसे में आज एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मुख्‍य प्रतिद्वंद्वी एनडीए के सवालों का जवाब दिया और कहा कि लालू प्रसाद यादव को साथ लाना उनकी मजबूरी नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है. आपको बता दें कि एनडीए के घटक दल समय-समय पर लालू को नीतीश की कमजोरी बताते रहते हैं.

इस कार्यक्रम में जंगलराज के आरोप पर नीतीश ने नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि एक हत्या के बारे में प्रधानमंत्रीजी का मुंह खुल गया लेकिन गुजरात में हुई हत्या का जिक्र तक उन्होंने नहीं किया. उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्रीजी 2002 का गुजरात मंगलराज का परिचायक है क्या?

नीतीश कुमार ने कहा इस साल सिर्फ बिहार में चुनाव हो रहा है इसलिए इसने पूरे देश का ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित कर रखा है. उन्होंने कहा कि 15-16 महीने पहले देश की जनता ने केंद्र में बहुमत की सरकार बनाई है. लोगों की उससे काफी अपेक्षाएं हैं. पिछले छह महीने में कोई भी ऐसा दिन नहीं है जब केंद्र के मंत्री बिहार नहीं आए हो. केंद्र में बैठे लोगों ने ऐसा माहौल बनाया है कि मीडिया का ध्‍यान टिक गया है. उन्होंने कहा कि बिहार का अपना गौरव रहा है. बिहार देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है. बिहार का इतिहास देश का इतिहास है.

केंद्र पर हमला करते हुए नीतीश कुमार अचानक बातों ही बातों में कांग्रेस की आलोचना कर दी. उन्‍होंने कहा कि देश की जनता ने केंद्र की सत्ता दी तो अब आप चाहते हैं कि पूरे देश में कब्जा कर लें. कांग्रेस ने जैसा आजादी के बाद किया था उसी पथ पर अब केंद्र सरकार चल रही है. उन्हें लगता है कि एक बार बहुमत मिल गया तो पूरा जग जीत लेंगे.

संघ पर हमला करते हुए नीतीश ने कहा कि पहली बार देश में लोकसभा में एक ऐसे दल को बहुमत मिला जिसे उत्पन्न करने वाली संस्था आरएसएस का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है लेकिन अब वो पूरे देश पर कब्जा करना चाहते हैं. आजादी की लड़ाई के बाद कांग्रेस, सोशलिस्ट, क्षेत्रीय दल उनके पूर्वजों की पृष्ठभूमि का आजादी की लड़ाई से कनेक्शन रहा है.

नीतीश ने कहा कि 2014 से पहले यह देखने को नहीं मिलता था. जेपी आरएसएस कैडर को साथ लेकर चले थे. उस समय बीजेपी की वो ताकत नहीं थी जो आज है. नीतीश ने कहा कि एक समय में एनडीए का नेतृत्व अटल जी करते थे, जिनका उद्देश्‍य था सभी पार्टियों को साथ लेकर चलना. उस वक्त सबकुछ अच्छे से चलता था. ऐसा सिर्फ अटल जी के नेतृत्व में हो सका.

नीतीश ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की करारी हार हुई जिससे वे तिलमिला गए हैं. दिल्ली का परिणाम बतलाता है कि देश का मूड क्या है. उन्होंने कहा कि 70 हजार आरएसएस कैडर दिल्ली में लगाए गए थे लेकिन परिणाम क्या आया केवल तीन सीट. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में कहा कि व्यक्ति से मेरा कोई झगड़ा नहीं है. लेकिन देश के प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसे शब्द अच्छे नहीं लगते हैं. ऐसी भाषा उन्हें शोभा नहीं देती.

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