पेटलावद विस्फोट के मुख्य आरोपी की पत्नी पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में
झाबुआ (मप्र) : पेटलावद विस्फोट के मुख्य आरोपी राजेन्द्र कसावा को गिरफ्तार करने के प्रयास के तहत पुलिस ने आज उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया. कसावा पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है. गत 12 सितंबर की सुबह पेटलावद के न्यू बस स्टैण्ड इलाके में स्थित दो मंजिला एक मकान […]
झाबुआ (मप्र) : पेटलावद विस्फोट के मुख्य आरोपी राजेन्द्र कसावा को गिरफ्तार करने के प्रयास के तहत पुलिस ने आज उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया. कसावा पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है. गत 12 सितंबर की सुबह पेटलावद के न्यू बस स्टैण्ड इलाके में स्थित दो मंजिला एक मकान में भारी मात्रा में रखी हुई जिलेटिन छडों में हुए जोरदार विस्फोट से 89 लोग मारे गए थे और लगभग 100 घायल हुए थे. जिला पुलिस अधीक्षक जी जी पाण्डे ने टेलीफोन पर ‘भाषा’ से कहा, ‘‘हमने राजेन्द्र कसावा की पत्नी प्रमिला को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है, ताकि राजेन्द्र को गिरफ्तार किया जा सके.” उन्होने कहा कि अब तक कसावा को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
वहीं, जिले की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एवं कसावा की गिरफ्तारी के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की मुखिया सीमा अलावा ने कहा, ‘‘आरोपी के कुछ पारिवारिक सदस्यों को हमने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन मैं उनके नाम उजागर नहीं कर सकती.” उन्होंने कहा कि अब तक कसावा को गिरफ्तार नहीं किया गया है और उसे गिरफ्तार करने के लिए युद्घ स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. उसके खिलाफ भादंवि की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की दो अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दायर किया गया है. इस बीच कसावा को लेकर यहां राजनीति गहरा गई है और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पर तत्काल प्रकरण कायम करने की मांग को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया सिटी कोतवाली पर आज अपने समर्थकों सहित धरने पर बैठ गए हैं.
उन्होने कहा ‘‘चौहान ने भोपाल में संवाददाताओ के समक्ष कसावा को मेरे पुत्र का नजदीकी मित्र बताया था, जो पूरी तरह आधारहीन बात है.” भूरिया ने स्पष्ट किया, ‘‘मेरे पुत्र का राजेन्द्र कसावा नामक एक मित्र है, लेकिन वह तीस साल का है और पेटलावद में नहीं बल्कि झाबुआ में रहता है”. उन्होने कहा कि जब पुलिस राज्य सरकार के दबाव में कल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ इस बात के लिए प्रकरण कायम कर सकती है कि उन्होने राजेन्द्र कसावा को आरएसएस का कार्यकर्ता बताया था, तो फिर नंदकुमार सिंह चौहान के खिलाफ प्रकरण कायम क्यों नहीं किया जा सकता.